गोलू देवता का मंदिर उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों मे से एक है. यह मंदिर गोलू देवता को समर्पित है, जिनकी पूजा कुमाऊ रीजन में काफी बड़े पैमाने पर होती है. गोलू देवता को न्याय का देवता माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो भक्त गोलू देवता की पूजा पूरी ईमानदारी से करते हैं, उनकी इच्छा पूरी हो जाती है. चलिए, आपको बताते हैं कि उत्तराखंड में स्थित गोलू देवता मंदिर के पास कौन सा रेलवे स्टेशन है और आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं.
कौन हैं गोलू देवता
गोलू देवता को भगवान शिव का अवतार माना जाता है. कुछ लोग उन्हें बहादुरी, न्याय और धार्मिकता का स्थानीय देवता मानते हैं. गोलू देवता के मंदिर जाने वाले भक्त अपनी इच्छाओं को लिखकर मंदिर परिसर में टांग देते हैं. उनका यह विश्वास होता है कि गोलू देवता उनकी इच्छाओं को जरूर पूरा करेंगे. एक बार जब उनकी इच्छा पूरी हो जाती है तो भक्त घंटी चढ़ाने वापस आते हैं. आपको मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में घंटी दिख जाएंगी. अगर आप मंदिर आते हैं तो आपको हर तरफ छोटी और बड़ी घंटियां दिख जाती हैं जो भक्तों का भगवान के प्रति विश्वास को दर्शाता है. भक्त यहां मंदिर में भगवान के सामने न्याय के लिए लिखित याचिका दायर करते हैं, जिसको दीवार के पास टांग दिया जाता है या फिर घंटी के साथ टांग दिया जाता है.
कौन सा रेलवे स्टेशन नजदीक
गोलू देवता मंदिर जाने के लिए आप काठगोदाम और हल्द्वानी दोनों ही रेलवे स्टेशन पर उतर सकते हैं. मंदिर के चारो तरफ घने जंगल हैं जिसमें ओक और देवदार के पेड़ आपको देखने को मिलेंगे. गोलू देवता का यह मंदिर घोरखल में स्थित है. यह मंदिर नैनीताल से 15 किलोमीटर और काठगोदाम से 40 किलोमीटर दूर स्थित है.
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