Market insight: डेटा सेंटर, रीन्यूएबल एनर्जी और पावर बैक-अप वाली कंपनियों में दिखेगी जोरदार तेजी – राजेश कोठारी – market insight companies with data centres renewable energy and power back-up will see strong momentum – rajesh kothari

Stock market : बाजार की आगे की चाल और दिशा पर बात करते हुए AlfAccurate Advisors के MD राजेश कोठारी ने कहा कि पिछले तीन महीनों में बाजार में बहुत से अच्छी बातें भी हो रही थीं। लेकिन ट्रंप के टैंट्रम और भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच इन बातों पर किसी का ध्यान नहीं गया। भारत की मक्रोइकोनॉमिक स्थितियां काफी ज्यादा पॉजिटिव हैं। महंगाई में गिरावट, ब्याज दरों में कटौती और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ये सब बाजार के लिए बहुत पॉजिटिव है। दूसरी तिमाही से हमें निफ्टी के अर्निंग्स में भी डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिल सकती है। दूसरी तिमाही में हमें सभी सेक्टरों की अर्निंग्स में ग्रोथ देखने को मिलेगी।

आगे ग्रोथ आने के साथ ही हमारे बाजारों के वैल्यूएशन भी अच्छे हो जाएंगे। कैपिटल गुड्स शेयरों पर बात करते हुए राजेश कोठारी ने कहा कि इस सेगमेंट में भी दो तरह के शेयर हैं। इसमें से पहले ओल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ ड्राइवर्स हैं। इस सेगमेंट में रोड इंफ्रा स्ट्रक्चर और ईपीसी कंपनियां आती हैं। इस सेगमेंट में सुस्ती है। सरकार ने बजट में भी इस सेक्टर को लिए बहुत निवेश प्रावधान नहीं किया है। लेकिन कैपिटल गुड्स सेक्टर के न्यू ग्रोथ ड्राइवर्स में काफी ज्यादा तेजी की संभावना है। इस सेगमेंट में राजेश को डेटा सेंटर, रीन्यूएबल एनर्जी और पावर बैक अप थीम पसंद हैं। इसमें भी डेटा सेंटर राजेश को सबसे ज्यादा पसंद है। पिछले 2-3 सालों में डेटा सेंटर में 3-4 गुना की बढ़त हुई है। अगले 5 साल में 3 गुना क्षमता और बढ़ने वाली है। ऐसे में डेटा सेंटर से जुड़ी कंपनियां आगे काफी अच्छा प्रदर्शन करती दिखेंगी।

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इसके अलावा HVDC(हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट) टेक्नोलॉजी वाली कंपनियों में भी आगे अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल रिन्यूएबल एनर्जी के ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है। इस सेक्टर में आगे बहुत बड़ा ऑर्डर बुक देखने को मिलेगा। इसके अलावा राजेश को पावर बैक अप थीम भी पसंद है। आगे 2 से 5 सालों में इन सभी थीम्स में बहुत अच्छी तेजी देखने को मिलेगी। राजेश कोठारी ने आगे कहा कि वे निवेश करते समय पीएसयू और प्राइवेट कंपनियों में अंतर नहीं करते। वे निवेश करते समय कंपनी की ग्रोथ की संभावना, वैल्यूएशन,उसकी बैलेंसशीट और मैनेजमेंट की गुणवत्ता पर ही फोकस करते हैं। जो कंपनी इन सभी मानकों पर खरी उतरती हो वे उसी में निवेश करते हैं।

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