
पीएम मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो।
जकार्ता (इंडोनेशिया): पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर चलाने के बाद भारत ने दुनिया के कई देशों में सर्वदलीय सांसदों का डेलीगेशन भेजा है। इस कड़ी में एक भारतीय डेलीगेशन इंडोनेशिया भी पहुंचा। इंडोनेशिया ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख का जबरदस्त समर्थन किया है। इंडोनेशिया की नेशनल मैंडेट पार्टी (पीएएन) के नेताओं ने भारत के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए बृहस्पतिवार को भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से कहा कि ‘‘आतंकवाद फैलाने के लिए धर्म और जाति को आधार नहीं बनाया जा सकता’’।
इंडोनेशिया का यह आह्वान सुनकर निश्चित रूप से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगेगा। भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया में मित्र देशों के स्थानीय राजदूतों से मुलाकात की। मित्र देशों के राजनयिकों ने सभी रूपों में आतंकवाद की कड़ी निंदा की और इस खतरे का मुकाबला करने के लिए एकजुट वैश्विक प्रयासों की तत्काल आवश्यकता को दोहराया। जनता दल (यू) के सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के बारे में नयी दिल्ली के स्पष्ट रुख से स्थानीय नेताओं और राजनयिकों, थिंक टैंक और मीडिया को अवगत कराने के मिशन के साथ यहां आया है।
भारतीय दूतावास ने किया ये पोस्ट
जकार्ता में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय सांसदों ने आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने के भारत के रुख पर विचार साझा किए।’’ पोस्ट में यह भी कहा गया, ‘‘पीएएन पार्टी नेतृत्व ने भारत के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। पीएएन नेताओं ने बताया कि वे भारत के साथ एकजुट खड़े हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद फैलाने के लिए धर्म और जाति को आधार नहीं बनाया जा सकता।’’ बैठक में पीएएन से शामिल होने वाले सांसदों में डेसी रत्नसारी, फराह पुत्री नाहलिया, ओक्टा कुमाला देवी, डॉ. ड्राजाद विबोवो, स्लैमेट अरियादी और ए.बाकरी भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया में मित्र देशों के स्थानीय राजनयिकों के साथ भी बातचीत की और ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत की संतुलित और मजबूत जवाबी कार्रवाई पर अपने विचार साझा किए। (भाषा)
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