मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इंडसइंड बैंक के पांच सीनियर अधिकारियों के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग के गंभीर आरोप में अंतरिम आदेश जारी किया है. इन अधिकारियों ने बैंक की गोपनीय वित्तीय जानकारी (UPSI) का उपयोग करके शेयर बाजार में बड़ी मात्रा में शेयर बेचे और लगभग ₹19.78 करोड़ के संभावित नुकसान से खुद को बचाया. यह जानकारी जनता के सामने बाद में लाई गई, जिससे शेयर की कीमत में 27% से अधिक की गिरावट आई. SEBI ने इन अधिकारियों के बैंक और डिमैट खातों को फ्रीज कर दिया है और उन्हें शेयर बाजार में किसी भी तरह के लेन-देन से रोक दिया गया है.
पहले से थी 1,529 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की जानकारी
सेबी के मुताबिक, इन अधिकारियों को बैंक के डेरिवेटिव अकाउंट में 1,529 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की जानकारी पहले से ही थी. यह UPSI की अवधि 4 दिसंबर 2023 से 10 मार्च 2025 तक मानी गई है. यह संवेदनशील जानकारी 10 मार्च 2025 को पब्लिक की गई थी, जिसके अगले ही दिन बैंक के शेयर की कीमत 27.165% तक की भारी गिरावट दर्ज की थी. आरोपों के मुताबिक इन अधिकारियों ने जानकारी पब्लिक होने से पहले ही अपने शेयर को बेचकर इस भारी गिरावट से होने वाले व्यक्तिगत नुकसान को टाल दिया था. सेबी ने आदेश Ex-Parte यानी सुनवाई के बिना तत्काल प्रभाव से जारी किया गया.
3.48 लाख शेयर बेचकर 52.99 करोड़ रुपए कमाए
इंडसइंड बैंक के जिन अधिकारियों पर सेबी ने एक्शन लिया है, उनमें बैंक के पूर्व डिप्टी सीईओ अरुण खुराना भी शामिल है, इन्होंने 1520 प्रति शेयर की औसत कीमत पर 3,48,500 शेयर बेचकर 52.99 करोड़ रुपए मिले हैं. इसके अलावा पूर्व MD और CEO सुमंत काथपालिया ने 1.25 लाख शेयर 1,534 रुपए प्रति शेयर की औसत कीमत पर बेचकर 19.18 करोड़ रुपए हासिल किए हैं. दूसरे अधिकारियों में सुशांत सौरव (हेड-ट्रेजरी ऑपरेशंस), रोहन जथन्ना (हेड-GMG ऑपरेशंस) और अनिल मार्को राव (सीईओ-कंज्यूमर बैंकिंग) भी शामिल है, जिन्होंने क्रमशः 0.26 करोड़ रुपए, 0.25 करोड़ रुपए और 0.14 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं.
15 दिनों के अंदर देना होगा संपत्ति का ब्योरा
सेबी ने आदेश में इन सभी पांच अधिकारियों के बैंक और डिमैट खातों को तुरंत प्रभाव से फ्रीज कर दिया है. इसके अलावा उन पर शेयर बाजार में किसी भी तरीके के लेन-देन करने पर भी रोक लगा दी है. इसके अलावा सेबी ने सभी आरोपियों को आदेश जारी होने के 15 दिनों के अंदर अपनी सभी संपत्तियां का पूरा ब्योरा जमा करने का निर्देश दिया है. उन्हें 19.78 करोड़ की राशि एक FD में जमा करनी होगी, जिस पर सेबी के नाम पर लियन होगा. सेबी की जांच फिलहा जारी है और यह अंतरिम आदेश अगले निर्देश तक प्रभावी रहेगा.
Read More at www.zeebiz.com