मिलिए अजय वी भट्ट से, USB Cable के जनक जिन्हें मिला पद्म श्री सम्मान, इनके नाम दर्ज हैं 132 इंटरनेशल पेटेंट

ajay v bhatt
Image Source : X- @MIB_INDIA
अजय वी भट्ट को पद्म श्री से सम्‍मानित किया गया।

नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, नृत्यांगना शोभना चंद्रकुमार, एक्टर अनंत नाग और प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की कुलपति सोनिया नित्यानंद समेत 68 प्रतिष्ठित लोगों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। गत 25 जनवरी को 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नागरिक पुरस्कारों- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री के लिए कुल 139 प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नामों की घोषणा की गई थी। राष्ट्रपति ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य की उपस्थिति में राष्ट्रपति भवन में दूसरे नागरिक अलंकरण समारोह में 68 चयनित लोगों को पुरस्कार प्रदान किए।

कौन हैं अजय वी भट्ट?

इस अवसर पर टेक्नोलॉजी में क्रांति लाने वाले भारतीय मूल के कंप्‍यूटर इंजीनियर अजय वी भट्ट को पद्म श्री से सम्‍मानित किया गया। जिस यूएसबी केबल का इस्तेमाल मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर में इस्तेमाल करते हैं, उसका आविष्कार जिस भारतीय व्यक्ति ने किया है उनका नाम अजय वी भट्ट हैं। अजय वी भट्ट भारतीय-अमेरिकी कंप्यूटर आर्किटेक्ट थे, जिन्हें यूएसबी को बनाया था, जिसे आज पूरी दुनिया इस्तेमाल करती है। कंप्‍यूटर आर्किटेक्‍ट अजय वी भट्ट यूएसबी (USB) तकनीक के सह-आविष्कारक के रूप में विश्वविख्यात हैं।

यूएसबी यूनिवर्सल सर्विस बस (USB) वो ही डिवाइस है जिसने कंप्‍यूटर के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी। मोबाइल, लैपटॉप और कंप्‍यूटर को दूसरे डिवाइस से जोड़ने के लिए ये यूएसबी केबल का इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया भर में इस्‍तेमाल की जाने वाली यूएसबी डिवाइस का अविष्‍कार अजय वी भट्ट ने ही किया था।

गुजरात के वडोदरा में हुआ था जन्म

अजय वी भट्ट का जन्म गुजरात के वडोदरा में हुआ था। 6 सितंबर, 1957 को जन्‍मे अजय भट्ट ने अपनी स्‍कूली पढ़ाई वडोदरा में ही की। इसके बाद उन्होंने महाराज सयाजीराव विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। न्‍यूयॉर्क के सिटी कॉलेज से मास्‍टर्स किया। अजय वी भट्ट के नाम पर 132 इंटरनेशनल पेटेंट हैं। अमेरिका की सिलिकॉन वैली में एक प्रमुख विचारक और टेक्नोलॉजिकल लीडर के रूप में इनकी पहचान हैं। फिलहाल वह पोर्टलैंड, ओरेगन रहते हैं और टेक्‍नालॉजी की दुनिया के इन्‍वेंशन के प्रतीक बने हुए हैं।

शारदा सिन्हा को मरणोपरांत मिला पद्म विभूषण

इससे पहले 28 अप्रैल को पहले सम्मान समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने 71 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से विभूषित किया था। मंगलवार को राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने जस्टिस खेहर को सार्वजनिक मामलों के लिए देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया, जबकि दिवंगत कथक नृत्यांगना कुमुदिनी रजनीकांत लखिया और दिवंगत प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के लिए यह सम्मान क्रमश: लखिया के पोते और सिन्हा के बेटे ने ग्रहण किया।

9 प्रतिष्ठित हस्तियों को पद्म भूषण सम्मान

राष्ट्रपति ने समारोह के दौरान 9 प्रतिष्ठित हस्तियों को पद्म भूषण सम्मान से नवाजा, जिनमें नृत्यांगना और अभिनेत्री शोभना चंद्रकुमार, व्यवसायी नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी, पुरातत्वविद् कैलाश नाथ दीक्षित, नर्तक जतिन गोस्वामी, अभिनेता अनंत नाग और साध्वी ऋतंभरा शामिल थीं। अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के लिए यह सम्मान देबरॉय की पत्नी और जोशी के बेटे ने ग्रहण किया।

पद्म श्री सम्मान से नवाजे गए लोगों में प्रमुख प्रतिरक्षाविज्ञानी और केजीएमयू की कुलपति सोनिया नित्यानंद, फुटबॉलर ई मणि विजयन, गायिका अश्विनी भिडे देशपांडे, अभिनेता अशोक लक्ष्मण सराफ, मास्क निर्माता रेबा कांता महंत और संगीतकार रिकी ज्ञान केज शामिल रहे। प्रसिद्ध रंगमंच कलाकार और अभिनय प्रशिक्षक बैरी जॉन, लोक संगीतकार तथा प्रसिद्ध पराई वादक वेलु आसन, व्यवसायी सज्जन भजनका, डॉ. नीरजा भटला, वैज्ञानिक अजय वी भट्ट, लेखक संत राम देसवाल, आध्यात्मिक नेता आचार्य जोनास मेजेट्टी और फारूक अहमद मीर अन्य पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं में शामिल थे।

पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री में अंतर

ये पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विभिन्न विषयों और क्षेत्रों में दिए जाते हैं। पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है; पद्म भूषण उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्म श्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। गत 2014 में जब से नरेन्द्र मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से उसने पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करके ‘गुमनाम नायकों’ का सम्मान करना शुरू कर दिया है, इस प्रकार पद्म पुरस्कारों को ‘लोगों के पद्म’ में बदल दिया है।

 

Latest India News

Read More at www.indiatv.in