Monsoon 2025 Health Tips To Stay Healthy During This Rainy Season Hindi

मॉनसून में पानी से होने वाली बीमारियां जैसे टाइफाइड, हैजा, और गैस्ट्रोएंटेराइटिस आम हैं. नई रिसर्च के अनुसार, दूषित पानी इन बीमारियों का प्रमुख कारण है. इसके चलते मॉनसून के दौरान साफ और उबला हुआ पानी पीना चाहिए.

मॉनसून में पानी से होने वाली बीमारियां जैसे टाइफाइड, हैजा, और गैस्ट्रोएंटेराइटिस आम हैं. नई रिसर्च के अनुसार, दूषित पानी इन बीमारियों का प्रमुख कारण है. इसके चलते मॉनसून के दौरान साफ और उबला हुआ पानी पीना चाहिए.

ऐसे में हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं. स्ट्रीट फूड के साथ बाहर का पानी पीने से बचें. पानी की बोतल या कंटेनर को नियमित रूप से साफ करें. नींबू, अदरक और काला नमक मिला पानी पीने से इम्यूनिटी बेहतर होती है.

ऐसे में हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं. स्ट्रीट फूड के साथ बाहर का पानी पीने से बचें. पानी की बोतल या कंटेनर को नियमित रूप से साफ करें. नींबू, अदरक और काला नमक मिला पानी पीने से इम्यूनिटी बेहतर होती है.

मॉनसून के दौरान इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना जरूरी है, क्योंकि इस मौसम में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. 2024 में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि विटामिन सी, डी और जिंक से भरपूर आहार इम्यूनिटी को बढ़ाने में प्रभावी है.

मॉनसून के दौरान इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना जरूरी है, क्योंकि इस मौसम में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. 2024 में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि विटामिन सी, डी और जिंक से भरपूर आहार इम्यूनिटी को बढ़ाने में प्रभावी है.

अपनी डाइट में संतरा, नींबू, आंवला और हरी सब्जियां शामिल करें. अदरक, लहसुन, और हल्दी का सेवन करें, जो प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों से युक्त हैं. वहीं, तुलसी, अदरक और काली मिर्च से बना काढ़ा भी फायदेमंद साबित होता है.

अपनी डाइट में संतरा, नींबू, आंवला और हरी सब्जियां शामिल करें. अदरक, लहसुन, और हल्दी का सेवन करें, जो प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों से युक्त हैं. वहीं, तुलसी, अदरक और काली मिर्च से बना काढ़ा भी फायदेमंद साबित होता है.

मॉनसून में मच्छरों की संख्या बढ़ने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, भारत में हर साल मॉनसून के दौरान डेंगू के मामले बढ़ते हैं. मच्छरों से बचने के लिए घर में मच्छरदानी और मॉसक्यूटो रिपेलेंट यूज कर सकते हैं. घर के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के प्रजनन का कारण बनता है.

मॉनसून में मच्छरों की संख्या बढ़ने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, भारत में हर साल मॉनसून के दौरान डेंगू के मामले बढ़ते हैं. मच्छरों से बचने के लिए घर में मच्छरदानी और मॉसक्यूटो रिपेलेंट यूज कर सकते हैं. घर के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के प्रजनन का कारण बनता है.

मॉनसून में नमी के कारण फंगल इंफेक्शन और स्किन से संबंधित दिक्कतें जैसे इम्पेटिगो और खुजली आम हैं. दरअसल, नमी के कारण स्किन पर बैक्टीरिया और फंगस तेजी से फैलते हैं. ऐसे में बारिश के दौरान अगर आप भीग जाएं तो तुरंत नहाएं और स्किन को सूखा रखें.

मॉनसून में नमी के कारण फंगल इंफेक्शन और स्किन से संबंधित दिक्कतें जैसे इम्पेटिगो और खुजली आम हैं. दरअसल, नमी के कारण स्किन पर बैक्टीरिया और फंगस तेजी से फैलते हैं. ऐसे में बारिश के दौरान अगर आप भीग जाएं तो तुरंत नहाएं और स्किन को सूखा रखें.

मॉनसून के दौरान उमस की वजह से हार्ट पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है. दिल के मरीजों के लिए यह स्थिति ज्यादा खतरनाक हो सकती है. स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं. रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं.

मॉनसून के दौरान उमस की वजह से हार्ट पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है. दिल के मरीजों के लिए यह स्थिति ज्यादा खतरनाक हो सकती है. स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं. रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं.

Published at : 27 May 2025 11:03 AM (IST)

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