नमाज की शुरुआत कैसे करें? जानिए तकबीर-ए-तहरीमा पढ़ने का सही तरीका

<p style="text-align: justify;"><strong>Namaz: </strong>नमाज से पहले तकबीर-मा कैसे पढ़ी जाती है, आइये जानते हैं- जब आप नमाज शुरू करने लगें, तो सबसे पहले नीयत करें (दिल में यह तय करें कि कौन सी नमाज़ पढ़ रहे हैं&ndash; जैसे फर्ज, सुन्नत, वक़्त कौन सा है आदि). फिर:</p>
<p style="text-align: justify;">नमाज की शुरुआत "अल्लाहु अकबर" कहने से होती है, जिसे "तकबीर-ए-तहरीमा" कहते हैं. इसका मतलब होता है &ndash; "अल्लाह सबसे बड़ा है". जब कोई यह तकबीर कहता है, तो वह नमाज़ की हालत में आ जाता है और दुनियावी बातों से दूर हो जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;">पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से यह बात साबित है कि उन्होंने नमाज़ की शुरुआत में अपने दोनों हाथ कंधों तक उठाकर "अल्लाहु अकबर" कहा. इसके बाद नमाज़ शुरू हो जाती है और फिर बात करना या कोई और काम करना मना होता है. इसलिए इसे "तहरीमा" कहा जाता है, मतलब&ndash;अब आप एक ऐसी हालत में हैं जिसमें कुछ चीज़ें मना हो जाती हैं. यह अल्लाह के सामने खड़े होने का एक रूहानी (आध्यात्मिक) तरीका है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>नमाज़ पढ़ने का सही तरीका</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>वुजू करना (पवित्र होना): </strong>नमाज़ पढ़ने से पहले वुज़ू करना ज़रूरी होता है. अगर आपने पहले से स्नान कर रखा है, तो हल्का सा वुज़ू काफी है. वुज़ू का तरीका ये है: दोनों हाथों की कलाई तक तीन बार धोएं (पहले दाहिना, फिर बायां). तीन बार मुंह में पानी डालें और अच्छे से कुल्ली करें. तीन बार नाक में पानी डालें. पूरा चेहरा दोनों कानों के नीचे तक तीन बार धोएं. दोनों हाथों को कोहनी तक तीन बार धोएं. सिर का मसह करें (गीले हाथों से सिर पर हल्का हाथ फेरे). दोनों पैर टखनों तक तीन बार धोएं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>नीयत (इरादा) और शुरुआती दुआ: </strong>नमाज़ से पहले नीयत करना ज़रूरी होता है. नीयत का मतलब होता है &ndash; आप दिल से यह तय करें कि कौन सी नमाज़ पढ़ रहे हैं, कितनी रकअत हैं, और यह किसके लिए है.<br />अगर आप जुहर की 4 रकअत फर्ज नमाज़ पढ़ रहे हैं तो नीयत कुछ ऐसे करेंगे:<br />"मैं नीयत करता हूँ 4 रकअत जुहर की फर्ज नमाज़, काबा की तरफ रुख करके, अल्लाह के लिए, इस इमाम के पीछे." फिर "अल्लाहु अकबर" कहकर दोनों हाथों को कानों तक उठाएं और फिर उन्हें नीचे बांध लें. यहीं से आपकी नमाज़ शुरू हो जाती है.</p>
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