Shani Jayanti 2025 on 27 may Know the Auspicious Timing and Yog

शनि जयंती हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान शनि देव का जन्म हुआ था, जो न्याय और कर्म के देवता माने जाते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शनि देव सूर्य देव के पुत्र हैं.शनि देव को न्याय और कर्म के देवता के रूप में पूजा जाता है.

शनि जयंती हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान शनि देव का जन्म हुआ था, जो न्याय और कर्म के देवता माने जाते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शनि देव सूर्य देव के पुत्र हैं.शनि देव को न्याय और कर्म के देवता के रूप में पूजा जाता है.

शनि देव अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं. शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं. इस दिन शनि मंदिरों में विशेष पूजा और अनुष्ठान होते हैं. शनि देव की पूजा से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं.

शनि देव अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं. शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं. इस दिन शनि मंदिरों में विशेष पूजा और अनुष्ठान होते हैं. शनि देव की पूजा से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं.

हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है, जिसमें न्याय के देवता शनिदेव की पूजा और व्रत किया जाता है. इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान और पूजा की जाती है, जिससे मनचाहा वरदान प्राप्त किया जा सके. दक्षिण भारत में यह पर्व वैशाख अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है.

हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है, जिसमें न्याय के देवता शनिदेव की पूजा और व्रत किया जाता है. इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान और पूजा की जाती है, जिससे मनचाहा वरदान प्राप्त किया जा सके. दक्षिण भारत में यह पर्व वैशाख अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर भगवान शनिदेव का जन्म हुआ था, जो सूर्य देव के पुत्र हैं. इस पावन अवसर पर हर साल शनि जयंती मनाई जाती है, जिसमें शनिदेव की पूजा और भक्ति की जाती है. आइए जानते हैं शनि जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर भगवान शनिदेव का जन्म हुआ था, जो सूर्य देव के पुत्र हैं. इस पावन अवसर पर हर साल शनि जयंती मनाई जाती है, जिसमें शनिदेव की पूजा और भक्ति की जाती है. आइए जानते हैं शनि जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में.

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12:11 बजे से शुरू होकर 27 मई को सुबह 8:31 बजे तक रहेगी. सूर्योदय तारीख के अनुसार, शनि जयंती 27 मई को मनाई जाएगी. शनिदेव की आराधना से साधक को जीवन में सफलता और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है.

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12:11 बजे से शुरू होकर 27 मई को सुबह 8:31 बजे तक रहेगी. सूर्योदय तारीख के अनुसार, शनि जयंती 27 मई को मनाई जाएगी. शनिदेव की आराधना से साधक को जीवन में सफलता और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है.

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर सुकर्मा योग रात्रि 10:54 बजे तक रहेगा, जो एक शुभ योग है. इसके अलावा, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:25 बजे से 05:32 बजे तक रहेगा, जो कार्य सिद्धि के लिए उत्तम है. शनि जयंती पर शिववास योग भी है, जिसमें भगवान शिव सुबह 08:31 बजे तक कैलाश पर मां गौरी के साथ निवास करेंगे.

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर सुकर्मा योग रात्रि 10:54 बजे तक रहेगा, जो एक शुभ योग है. इसके अलावा, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:25 बजे से 05:32 बजे तक रहेगा, जो कार्य सिद्धि के लिए उत्तम है. शनि जयंती पर शिववास योग भी है, जिसमें भगवान शिव सुबह 08:31 बजे तक कैलाश पर मां गौरी के साथ निवास करेंगे.

Published at : 26 May 2025 10:32 PM (IST)

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