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Shani Vakri 2025: शनि वक्री होकर क्या करेंगे? कल्याण करेंगे….या नाश करेंगे! इस तरह के प्रश्न लोगों के मन में अभी से आने लगे हैं. शनि की चाल में जब भी परिवर्तन होता है लोग अपनी कुंडली को दिखाना आरंभ कर देते हैं.

वर्ष 2025 में शनि की चाल में परिवर्तन महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि ग्रहों की चाल के अनुसार ये साल अत्यंत महत्वपूर्ण है, ऐसे में शनि के वक्री होने को लेकर जानकार चिंतित है. लेकिन क्या ये चिंता जायज है?  क्या शनि महाराज वाकई 30 साल बाद कुछ बड़ा करने जा रहे हैं, जानते हैं.

शनि देव इस समय मीन राशि में गोचर कर रहे हैं और उत्तरभाद्रपद नक्षत्र में स्थित हैं. शनि वक्री के बारे में कहा जाता है कि ये समय उनके कर्मो का हिसाब करने का होता है. हिंदू पंचांग अनुसार 13 जुलाई 2025 को शनि वक्री हो रहे हैं. 28 नवंबर 2025 को शनि मार्गी होंगे.

इसीलिए ज्योतिष के विद्वानों का मत है कि शनि वक्री की स्थिति में व्यक्ति के भीतर छिपे संघर्ष, अपराधबोध, पुरानी गलतियों और अधूरे वादों की पुनरावृत्ति कराता है. यह समय बाहरी नहीं, आंतरिक परीक्षण का काल होता है.

वर्तमान समय में शनि, मीन राशि में गोचर कर रहे हैं जो कि ज्ञान के कारक देव गुरु बृहस्पति की राशि है. इसलिए शनि वक्री का असर कुछ राशियों पर मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक रुप से पड़ने जा रहा है.

किन राशियों को रहना होगा सतर्क?
2025 में, शनि का राशि परिवर्तन हो चुका है. मार्च से शनि महाराज गुरु की राशि मीन में गोचर कर रहे हैं. मीन में शनि होने से मेष, कुंभ और मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती का प्रभाव आरंभ हो गया है. इसलिए इन राशि के लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

मेष राशि: आप पर शनि की विशेष नजर है, क्योंकि 29 मार्च 2025 से मेष राशि पर शनि साढ़े साती का पहला चरण शुरु हो चुका है. साढ़े साती की पहला चरण कष्टकारी माना गया है. इसलिए सेहत और धन के मामले में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

जिनका विवाह नहीं हो रहा है उसमें शनि और विलंब करा सकते हैं. विद्यार्थियों को अधिक मेहनत करनी पड़ेगी. नौकरी पेशा लोग गलत कामों को करने से बचें, बिना देखें किसी कागज पर साइन न करें, नहीं तो मुसीबत में पड़ सकते हैं.

कुंभ राशि: 27 मई 2025 का दिन आपके लिए विशेष है, आज शनि जंयती है. इस दिन शनि को तेल चढाएं तो अच्छे परिणाम देखने को मिलेगे. कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है. इसलिए शनि ने अभी तक जो कष्ट दिए हैं उन पर विराम लगाने जा रहे हैं. शनि लाभ देने की स्थिति में आ चुके हैं, लेकिन कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे शनि नाराज हो जाएं.

मीन राशि: आप पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो चुका है. यदि आप नौकरी करते हैं तो नियम और अनुशासन का पालन करें नहीं तो ऑफिस में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. लव लाइफ प्रभावित हो सकती है. कोर्ट कचेहरी के मामलों सफलता मिलने में मुश्किल आ सकती है. बिजनेस में भी लाभ के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगा. जुलाई- सितंबर 2025 का समय नई चुनौतियां लाने वाला हो सकता है. 

शनि की चाल को लेकर क्या कहते हैं ज्योतिष ग्रंथ
बृहज्जातक (वराहमिहिर) के अनुसार ‘शनिश्चरस्तु तु तुल्यभोगे भवति सप्तमे चाष्टमे वा.’ .यानि कुंडली में जब शनि चतुर्थ, अष्टम या द्वादश स्थान में आता है, तो वह विशेष रूप से फलदायी या पीड़ादायी होता है.

फलदीपिका में एक जगह विद्वानों ने लिखा है ‘द्वादशस्थे शनौ जायते जीवविनाशकृत्’ अर्थात जब शनि जन्मराशि से द्वादश स्थान में आता है, तब वह साढ़े साती का प्रारंभ मानी जाती है. जातक पारिजात में स्पष्ट रुप से लिखा है कि अष्टम या चतुर्थ का शनि संकटकारी होता है.

शनि के उपाय जो बदल सकते हैं किस्मत

  • शनिवार को पीपल के वृक्ष की पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
  • ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें.
  • काले तिल, उड़द और लोहे का दान करें.
  • हनुमान चालीसा और शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करें.

यदि शनि अधिक कष्ट दे रहे हैं तो तुरंत ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1: शनि वक्री कब हो रहे हैं?
13 जुलाई 2025 को शनि वक्री होंगे और 28 नवंबर 2025 को मार्गी होंगे.

Q2: किन राशियों पर साढ़े साती चल रही है?
कुंभ, मीन और मेष राशि पर साढ़े साती चल रही है.

Q3: शनि की ढैय्या किन राशियों पर है?
सिंह और धनु राशि पर ढैय्या का प्रभाव है.

Q4: क्या वक्री शनि अधिक अशुभ होता है?
वक्री शनि कर्मों का न्याय तेज गति से करता है. इसलिए गलत कार्यों से बचना चाहिए.

Q5: कौन सा उपाय सबसे प्रभावी माना जाता है?
पीपल पूजा, शनि मंत्र जाप और सेवा विशेषकर शनिवार के दिन अत्यंत प्रभावकारी माने गए हैं.

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