
वट सावित्री व्रत पुए की रेसिपी
पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं वट सावित्री व्रत करती हैं। इस दिन बरगद की पूजा की जाती है और सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना करती है। वट सावित्री की पूजा सामग्री में खास प्रसाद चढ़ाया जाता है, जिसे बरगद और पुए कहते हैं। गेहूं के आटे से बने बरगद और ये पुए पहले पूजा में अर्पित किए जाते हैं उसके बाद इन्हें प्रसाद के रूप में खुद ग्रहण किया जाता है। अगर आप भी वट सावित्री का उपवास करती हैं तो जान लें कैसे बनाते हैं बरगद और मुलायम पुए। जानिए वट सावित्री व्रत का प्रसाद कैसे बनाया जाता है?
वट सावित्री व्रत के लिए पुए और बरगद बनाने की रेसिपी
पहला स्टेप- बरगद और पुए आटे से तैयार किए जाते हैं। इसके लिए आपको करीब 2 कप गेहूं का आटा लेना होगा। आटा छान लें और इसमें 1 चम्मच देसी घी डाल दें। अब आपको गुड़ या शक्कर को पानी में घोलना है। ध्यान रखें पानी सिर्फ इतना ही डालें कि इसमें शक्कर घुल जाए।
दूसरा स्टेप- पुए में डालने के लिए 2-3 इलायची को छिलका हटाकर पीस लें और इसे आटे में मिक्स कर लें। आप चाहें तो थोड़ी पिसी सौंफ और नारियल भी मिला सकते हैं। अब इसमें शक्कर और गुड़ वाला घोल डालते हुए नॉर्मल रोटी जैसा आटा गूंथ लें। अगर मीठा पानी कम हो तो आप इसमें थोड़ा नॉर्मल पानी भी मिला सकते हैं।
तीसरा स्टेप- ध्यान रखें पुए और बरगद बनाने के लिए आपको बहुत ज्यादा मीठा आटा नहीं गूंथना है। इससे पुए कड़ाही में डालते ही टूटने लगेंगे और आपको इन्हें सेंकने में परेशानी होगी। आटा गूंथने के बाद पहले बरगद के फल जैसे शेप के बरगद बना लें। इन्हें छोटे मोदक जैसी शेप में तैयार करना होता है।
चौथा स्टेप- इन्हें देसी घी या तेल में मीडियम आंच पर सेंक लें। बरगद को डालने के बाद थोड़ी देर बिना हिलाए ही सेंक लें। अब बचे हुए आटे को बेलकर छोटे पुए जैसे शेप में बना लें। कुछ लोग इन्हें मीठी पूरी भी कहते हैं। अब तेल में सारे पुए भी इसी तरह से सेंक ले। गैस की फ्लेम मीडियम या स्लो ही रखें।
पांचवां स्टेप- तैयार हैं एकदम स्वादिष्ट और सॉफ्ट पुए। आप इन्हें ठंडा होने पर खाएं। गुड़ के पुए काफी मुलायम बनते हैं। आप इसमें जो घी डालते हैं उससे इसकी सॉफ्टनेस और बढ़ जाती है। इस बार वट सावित्री पूजा में इस रेसिपी को जरूर ट्राई करें।
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