us intelligence report reveals pakistan considers India as its existence threat increasing weapons of mass destruction ann

US Intelligence Report on India-Pakistan: पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान को भारत से अपने अस्तित्व का खतरा है. ऐसे में पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है. क्योंकि पारंपरिक युद्ध में पाकिस्तान के लिए भारत का मुकाबला करना एक टेढ़ी खीर साबित हो सकती है.

यूएस डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) ने साल 2025 में वैश्विक खतरों को लेकर अपनी ये खुफिया रिपोर्ट, अमेरिका की प्रतिनिधि सभा (कांग्रेस) को सौंपी है. इस रिपोर्ट में 11 मई तक की घटनाओं का जिक्र है. एक दिन पहले ही भारत और पाकिस्तान में चार दिनों तक चला मिलिट्री टकराव रोका गया था.

पाकिस्तानी हमले के बाद भारत ने चलाया था ऑपरेशन सिंदूर

हालांकि, भारत ने साफ किया था कि मिलिट्री टकराव, पाकिस्तान की गुजारिश पर किया गया था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम कराने के लिए वाहवाही लूटने की कोशिश की थी.

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर छेड़ा था. भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस और नौ आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया था. पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ ड्रोन और मिसाइल अटैक किए थे, जिन्हें भारत ने पूरी तरह विफल कर दिए थे.

आतंकवाद के मुद्दे पर पहली बार आमने-सामने आए दो परमाणु देश

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक कहा था कि अब पाकिस्तान का न्यूक्लियर-ब्लफ यानी परमाणु हथियारों की ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दुनिया के इतिहास में ये पहली बार था कि आतंकवाद के मुद्दे पर दो परमाणु देश आमने-सामने आ गए थे. इसके बावजूद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान से पहलगाम आतंकी हमले का बदला पूरा किया था.

भारत का मुख्य दुश्मन चीन, पाकिस्तान महज एक सहायक खतरा- अमेरिकी रिपोर्ट

अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट में हालांकि, कहा गया है कि भारत, चीन को ही मुख्य दुश्मन मानता है और पाकिस्तान को सुरक्षा के लिहाज से महज एंसीलरी यानी सहायक खतरा मानता है. रिपोर्ट में पहलगाम हमला और भारत-पाकिस्तान के सैन्य टकराव (6-10 मई) का भी जिक्र किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने विदेश से WMD यानी वेपंस ऑफ मास डेस्ट्रेक्शन भी इकठ्ठा कर लिए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि अपनी सैन्य जरूरतों और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान, चीन पर निर्भर है.

अमेरिका को भी सता रहा भारत की बढ़ती ताकत का डर

अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेक इन इंडिया इनिशिएटिव के तहत देश की सैन्य ताकत बढ़ाने में जुटे हैं ताकि चीन को काउंटर कर वैश्विक नेतृत्व दिया जा सके. अमेरिकी DIA के मुताबिक, चीन के प्रभाव को कम करने और ग्लोबल लीडरशिप के लिए भारत, हिंद महासागर क्षेत्र में मिलिट्री एक्सरसाइज, सैन्य ट्रेनिंग, हथियार बेचने और इंफॉर्मेशन शेयरिंग के माध्यम से दूसरे देशों से डिफेंस पार्टनरशिप कर रहा है. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत अपनी भूमिका बढ़ा रहा है तो QUAD, BRICS, SCO और आसियान जैसे संगठनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है.

भारत-चीन के बीच करार हुआ, पर विवाद नहीं हुआ खत्म

रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही भारत ने अक्टूबर 2024 में चीन से डिसइंगेजमेंज करार कर लिया है लेकिन सीमा विवाद खत्म नहीं हुआ है. करार के तहत, दोनों देशों ने महज अपनी सेनाओं को पीछे हटाया है.

इस रिपोर्ट में भारत की बढ़ती मिलिट्री पावर के बारे में भी बताया गया है. कहा गया कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-1 और अग्नि-5 जैसी मिसाइलों का भारत ने परीक्षण किया है. इसके साथ न्यूक्लियर ट्रायड को मजबूत करने के लिए दूसरी परमाणु पनडुब्बी (INS अरिघात) को हाल ही में भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल किया गया है ताकि दुश्मनों का डराया जा सके.

रूसी टैंक और विमान भारतीय सैन्य ताकत की रीढ़- अमेरिकी रिपोर्ट

इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अपने हथियारों की जरूरत के लिए रूस पर निर्भरता को कम कर रहा है, फिर भी रूसी टैंक और फाइटर जेट्स के स्पेयर पार्ट्स के लिए रूस पर निर्भरता जारी है. क्योंकि रूस से लिए टैंक और लड़ाकू विमान ही भारत की सैन्य ताकत की रीढ़ हैं, जिससे चीन और पाकिस्तान से होने वाले खतरों से निपटा जा सके.

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