CJI BR Gavai Mumbai Visit: देश के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने सीजेआई बनने के बाद अपनी पहली महाराष्ट्र यात्रा पर प्रोटोकॉल को लेकर हो रही चर्चा को बंद करने की अपील की है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के महाराष्ट्र दौरे के दौरान उनकी अगवानी न करने वाले अधिकारियों ने इसके लिए खेद जताया है. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई का मानना है कि इसके बाद इस छोटी-सी बात को तूल देना सही नहीं है.
उल्लेखनीय कि रविवार (18 मई, 2025) को भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई मुंबई में बाबा साहब अंबेडकर से जुड़ी चैत्यभूमि में श्रद्धांजलि अर्पित करने गए थे. मूल रूप से महाराष्ट्र के ही रहने वाले चीफ जस्टिस का पद ग्रहण करने के बाद अपने गृह राज्य का पहला दौरा था. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के लिए तय आधिकारिक शिष्टाचार के तहत महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, डीजीपी और मुंबई पुलिस कमिश्नर को उनकी आगवानी करनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
प्रोटोकॉल के पालन न होने पर मुख्य न्यायाधीश ने जताई थी नाराजगी
कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस ने महाराष्ट्र के आला अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि यह बात मामूली लग सकती है. लेकिन न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका संविधान के एक समान अंग है. जब किसी संवैधानिक संस्था का प्रमुख पहली बार राज्य का दौरा करें तो कुछ बातों का पालन जरूरी है. व्यवस्था के हर अंग को एक दूसरे के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र के अधिकारियों की हुई आलोचना
चीफ जस्टिस की इस टिप्पणी के बाद मीडिया में महाराष्ट्र के अधिकारियों के रवैये की काफी आलोचना हुई थी. हालांकि, बाद में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, डीजीपी और मुंबई पुलिस कमिश्नर उनके कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए खेद जताया था. अब चीफ जस्टिस ने लोगों से इस चर्चा पर विराम लगाने का अनुरोध किया है.
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