लखनऊ। लोक निर्माणा विभाग मुख्यालय में तैनात मुख्य अभियन्ता रामनाथ सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। राज्यमंत्री बलदेव संह औलख और भाजपा विधायक वीर विक्रम सिंह ने प्रमुख अभियंता से मुख्य अभियन्ता रामनाथ सिंह के भ्रष्टाचार की शिकायत की है। उनका आरोप है कि, लंबे समय से मुख्य अभियन्ता की तैनाती लखनऊ मुख्यालय में ही है और यहां पर रहकर ये भ्रष्टाचार कर रहे हैं। उनका आरोप है कि, ज्यादातर जांचे इनको ही सौंपी जाती हैं और ये डरा धमकाकर अभियन्ताओं वठेकेदारों से वसूली करते हैं। शिकायत का ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने प्रमुख अभियंता को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि, लो०नि०वि०, मुख्यालय लखनऊ में वर्षों से लगातार तैनात मुख्य अभियन्ता, रामनाथ सिंह के बारे में बताया गया है कि पिछले लगभग 14-15 वर्षों से मुख्यालय लो०नि०वि०, लखनऊ में ही तैनात है जबकि अभियंत्रण संवर्ग के अधिकारी जो कि पूरे प्रदेश के विभिन्न जनपदों में तैनात रहकर शासकीय कार्य कर रहे हैं। मुख्यालय पर इंजीनियर्स को एक बार में अधिकतम तीन वर्ष तक ही तैनात रहना होता है। जबकि यह महोदय विभिन्न उड्न पदों पर पदोश्रतियां प्रात करते हुए मुख्यालय पर तैनात रहकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि, मेरे संज्ञान में लाया गया है कि लोक निर्माण विभाग के कार्यों की लगभग सभी जांचे रामनाथ सिंह मुख्य अभियन्ता को ही सौंपी जाती हैं। जांचों में इनके द्वारा गलत जांच कर फंसा दिये जाने का डर दिखाकर फील्ड में तैनात अभियन्ताओं वं ठेकेदारों से लाखों रूपये वसूल किये जाते हैं। रुपये प्राप्त होने के उपरान्त जांच में लीपापोती करके उसको दबा दिया जा रहा है। जिससे सरकार द्वारा स्थापित किये गये मानकों की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है तथा सरकार की छवि खराब हो रही है।
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साथ ही आगे कहा,इनके द्वारा कार्यालय कक्ष में प्रवेश से पहले जो भी आगंतुक आता है। उसका मोबाइल जमा करा कर ही कक्ष में प्रवेश दिया जाता है। यह इसलिए की जो भी पैसे की बात अंदर होती है वो बात बहार न जा सके।
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