अखिलेश यादव ने ब्रजेश पाठक पर फिर साधा निशाना, पूछा-उप्र में बन रहे काग़ज़ी एम्स की क्या प्रगति है?

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक पर निशाना साधा है। उन्होंने इस बार यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर उनको घेरा है। एक घटना का वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को घेरा है। अखिलेश यादव ने पूछा कि, ⁠उप्र में बन रहे काग़ज़ी एम्स की क्या प्रगति है? ⁠गांवों में डॉक्टर हाज़िर होते हैं या सिर्फ़ हाज़िरी लगती है?

पढ़ें :- सीएम योगी ने ‘मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना’ प्रारम्भ करने के दिए निर्देश, लघु एवं सीमांत किसानों की आय में होगी वृद्धि

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, उप्र के स्वास्थ्य मंत्री जी से ये अति गंभीर सवाल है कि कृपया करके छिबरामऊ के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों की घोर लापरवाही से हुई, एक बेटी की मृत्यु का संज्ञान लेकर यथोचित कार्रवाई तुरंत सुनिश्चित करें। माननीय से आग्रह है कि कृपया करके यह बताएं कि: उप्र में सही में कितने मेडिकल कॉलेज सही जांच-इलाज के लिए उपलब्ध हैं? ⁠क्या ऐसे मेडिकल कॉलेजों में मानक के अनुरूप सभी ज़रूरी बीमारियों के लिए डॉक्टर, स्टाफ़, मेडिकल मशीनें उपलब्ध हैं या नहीं? ⁠प्राइवेट हॉस्पिटलों पर नियंत्रण के लिए क्या किया जा रहा है?

इसके साथ ही आगे लिखा, ⁠ये कैसे सुनिश्चित किया जा रहा है कि वहां जो फ़ीस और टेस्ट के नाम चार्ज लिया जा रहा है उसके ऊपर कोई यथोचित नियंत्रण है या बीमारी के नाम पर वसूली ही हो रही है? ⁠आक्सीजन प्लांट चालू हैं या बंद पड़े हैं? ⁠कितने लोग हॉस्पिटल के बाहर टेस्ट, एक्सरे के लिए भेजे जाते हैं? ⁠दवाई कंपनियों के दबाव में कितने लोग जेनेरिक दवाओं की जगह महंगी दवा लिख रहे हैं? ⁠हॉस्पिटल की साफ़-सफ़ाई के लिए कितना स्टाफ़ है? ⁠मेडिकल करप्शन पर आख़िरी बार चर्चा कभी हुई भी है या सारा गोरखधंधा मिलीभगत से चल रहा है?

उन्होंने आगे लिखा, ⁠कैंसर जैसी बीमारी के लिए उप्र के लोगों को कब तक बाहर जाना पड़ेगा? ⁠उप्र में बन रहे काग़ज़ी एम्स की क्या प्रगति है? ⁠गांवों में डॉक्टर हाज़िर होते हैं या सिर्फ़ हाज़िरी लगती है? ⁠पूरे प्रदेश के स्वयं भू डॉक्टरों की धर-पकड़ बंद क्यों है? ⁠झूठे इलाज का दावा करनेवाले प्राणघातक प्रचार पर सरकार रोक क्यों नहीं लगाती है? ⁠स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों का महत्व सरकार क्यों नहीं समझती है? ⁠आशा बहनों की उपेक्षा कब तक जारी रहेगी? ⁠एंबुलेंस सेवा की बदहाली के पीछे प्राइवेट एंबुलेंस वालों से सांठगांठ कारण है या चिकित्सा विभाग और मंत्रालय का उपेक्षापूर्ण व्यवहार? ⁠जच्चा-बच्चा की देखभाल का तंत्र इतना ढीला क्यों है? ⁠नक़ली और एक्सपायर्ड दवाओं के माफ़ियों की परदादारी का राज़ क्या है? बीमार कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

पढ़ें :- उन पर विश्वास मत कीजिए जो अपनों के सगे नहीं, भाजपाइयों जैसा बनकर यहां घुलने-मिलने की कर रहे कोशिश : अखिलेश यादव

Read More at hindi.pardaphash.com