कौन है निताशा कौल? जिसपर भारत विरोधी गतिविधियों का लगा आरोप, OCI कार्ड कैंसिल

लंदन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारतीय मूल की शिक्षाविद और लेखिका निताशा कौल का OCI कार्ड कैंसिल कर दिया गया है। निताशा ने रविवार को कहा कि मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने एवं सरकार की अल्पसंख्यक विरोधी और लोकतंत्र विरोधी नीतियों पर उसके काम के कारण ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड रद्द कर दिया गया है। लंदन में रहने वाली भारतीय मूल की निताशा वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है और 2019 में अमेरिकी विदेश मामलों की सदन समिति (US House Committee on Foreign Affairs) में भारत के खिलाफ गवाही देकर चर्चा में आई थी। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटाए जाने के बाद कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन की झूठी कहानियां बनाने वाली निताशा ने पहलगाम हमले को भी ट्विस्ट देने की कोशिश की थी।

क्या कहा निताशा कौल ने?

माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर रविवार रात को पोस्ट कर एक स्नैपशॉट साझा करते हुए निताशा ने कहा, ‘आज घर पहुंचने के बाद मुझे OCI (ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया ) रद्द करने की सूचना मिली। TNR (अंतरराष्ट्रीय दमन) का एक दुर्भावनापूर्ण, प्रतिशोधी, क्रूर उदाहरण; मुझे मोदी शासन की अल्पसंख्यक-विरोधी और लोकतंत्र-विरोधी नीतियों पर काम करने के लिए दंडित किया गया है।’

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कौन है निताशा कौल?

निताशा कौल का जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में नवंबर 1976 में हुआ था, वह  एक कश्मीरी पंडित है। उसने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) और यूके की हल यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी के साथ अर्थशास्त्र में मास्टर्स किया है। साथ ही हल यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र में संयुक्त पीएचडी भी की है। फिलहाल वह लंदन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में राजनीति, अंतरराष्ट्रीय संबंध और क्रिटिकल इंटरडिसिप्लिनरी स्टडीज की प्रोफेसर है। वह वेस्टमिंस्टर में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी की निदेशक भी रह चुकी है।

निताशा कौल भारतीय मूल की एक शिक्षाविद्, लेखिका और वक्ता  भी है। भारत सरकार द्वारा उनका ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) रद्द किए जाने के बाद वह सुर्खियों में है। यह कार्रवाई फरवरी 2024 में भारत में प्रवेश से रोके जाने और बेंगलुरु से वापस भेज दिए जाने के महीनों बाद हुई है। 2024 में कर्नाटक सरकार ने उसे ‘लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों’ पर एक राज्य-संचालित सम्मेलन में बोलने के लिए आमंत्रित किया था। कौल ने कई किताबें भी लिखी हैं, जिनमें रेसिड्यू, फ्यूचर टेंस और इमेजिनिंग इकोनॉमिक्स अदरवाइज शामिल हैं। रेसिड्यू और फ्यूचर टेंस दोनों ही कश्मीर में पहचान, आघात और विस्थापन के विषयों से संबंधित हैं।

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