Operation Sindoor: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल,2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर इसका बदला लिया, जो न सिर्फ भारत की रणनीतिक जीत साबित हुआ बल्कि इससे पाकिस्तान के सशस्त्र बलों की कमजोरी भी सामने आई. पाकिस्तान को एक बार फिर चीन के हथियारों का इस्तेमाल करना महंगा पड़ गया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान डिफेंस के मामलों में काफी हद तक चीन पर निर्भर है. पाकिस्तानी मिलिट्री 82 प्रतिशत अपनी जरूरत का सामान चीन से आयात करती है. भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान चीनी हथियारों की भी टेस्टिंग हो गई, जो भारतीय हथियारों के आगे ज्यादा देर तक टिक नहीं पाए.
चीनी डिफेंस सिस्टम इंडियन मिसाइल रोकने में नाकाम
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने चाइनीज एयर डिफेंस सिस्टम को बाईपास करते हुए पाकिस्तान में कई आतंकी ढांचों को तबाह किया. चीनी डिफेंस सिस्टम इंडियन मिसाइल को रोकने में नाकाम साबित हुआ. रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन की पीएल-15 मिसाइल से लेकर जे-10सी लड़ाकू विमान और नौसेना के फ्रिगेट्स ने भी खराब प्रदर्शन किया, जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा कमजोर हुई और वो भारत के मिसाइल हमलों को रोकने में नाकाम साबित हुए.
दुनिया भर में चीन के आर्म्स एक्सपोर्ट पर पड़ रहा असर
चीन के इन हथियारों के विफल होने का न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि दुनिया भर में असर पड़ा है. वॉर के दौरान चीनी हथियारों का उम्मीद से कम प्रदर्शन चीन की इमेज पर भी धब्बा लगा रहा है. दुनिया भर में चीन के आर्म्स एक्सपोर्ट पर भी असर पड़ रहा है. चीन के मिलिट्री उपकरणों की क्वालिटी और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं.
एक्सपर्ट के मुताबिक संघर्ष के दौरान चीन के हथियारों के फेल होने से आर्म्स एक्सपोर्ट के कम होने की संभावना है, जो कि पहले से ही क्वालिटी इश्यू को लेकर सवालों के घेरे में हैं. भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न सिर्फ पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को बाईपास किया बल्कि उन्हें जैम भी कर दिया.
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