NIA takes custody of ISIS module terrorists: केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से साल 2023 के पुणे IED विस्फोटक निर्माण और परीक्षण मामले में वांटेड दो फरार आतंकियों को गिरफ्तार किया है. NIA ने दावा किया कि ये दोनों आरोपी प्रतिबंधित आतंकी संगठन ISIS के स्लीपर मॉड्यूल के सदस्य थे.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अब्दुल्ला फैयाज शेख उर्फ डायपरवाला और तल्हा खान के रूप में हुई है. आज शनिवार (17 मई) को NIA ने दोनों ISIS संदिग्धों को कोर्ट में पेश किया और उनकी 15 दिनों की कस्टडी की मांग की.
आरोपियों की वकील ताहिरा कुरैशी ने रखा पक्ष
आरोपियों का पक्ष रखते हुए कोर्ट में उनकी वकील ताहिरा कुरेशी ने कहा, “सबसे पहले यह मामला कोथरुड पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था, उसके बाद मामले की जांच महाराष्ट्र ATS के पास गई और फिर मामले की जांच NIA को सौंपी गई.”
कुरेशी ने आगे कहा, “NIA ने अब्दुल्ला के पिता और भाई से 5 बार पूछताछ की, जिसका जवाब उन्होंने दिया और तलहा के घर पर तो कभी भी NIA ने कोई समन नहीं भेजा.” कुरेशी ने दावा किया कि अब्दुल्ला 15 जुलाई, 2022 अपने परिवार के साथ पत्नी और बच्चों के साथ ओमान चला गया था और उसी साल तल्हा भी नौकरी के लिए ओमान गया था.”
उन्होंने कहा, “जब दोनों को वांटेड बताया गया तब NIA वालों ने ओमान में इस बात की जानकारी दी, जिसके बाद दोनों को ओमान ने देश छोड़ने को कहा और यह भी कहा कि अगर वो नहीं जाएंगे तो ओमान के अधिकारी उनको NIA को सौंप देंगे.”
वकील ताहिरा कुरैशी ने किया दावा
इसके बाद दोनों ईरान गए, जहां उन्हें 8 दिसंबर, 2024 को हिरासत में लिया गया और 3 महीने तक यानि 5 मई, 2025 तक उनसे पूछताछ की गई. कुरेशी ने दावा किया कि दोनों से उनकी कथित ISIS लिंक की जांच की गई, लेकिन ईरान को भी कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने दोनों को छोड़ दिया और देश छोड़कर जाने को कहा.
जिसके बाद दोनों इंडोनेशिया गए, जहां उनको एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर लिया गया और फिर NIA के अधिकारी उन्हें लेकर भारत आए. यहां अरेस्ट मेमो में उन दोनों को मुंबई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किए जाने की बात कही गई है.
कोर्ट ने दोनों पक्ष सुनने के बाद दी कस्टडी
दोनों पक्ष को सुनने के बाद दोनों आरोपियों को कोर्ट ने 10 दिन की यानी 27 मई तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (NIA) की कस्टडी में भेज दिया है. NIA का दावा है कि इस तरह के IED बम बनाने और उसका प्रशिक्षण करने के संदर्भ में हुए एक मीटिंग अब्दुल्ला के घर पर भी हुई थी.
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