
सब कुछ तब शुरू हुआ जब इंजीनियर शुभ्र जेना ने 8 मई को एक ऑनलाइन क्लासिफाइड साइट पर 10,000 रुपये में अपना पुराना सोफा बेचने का विज्ञापन डाला. कुछ ही देर में एक व्यक्ति ने संपर्क किया और खुद को “राकेश कुमार शर्मा” नाम का एक फर्नीचर डीलर बताया. बातचीत के दौरान दोनों के बीच 8000 रुपये में सौदा तय हो गया.

पेमेंट के लिए स्कैमर ने शुभ्र से बैंक डिटेल्स मांगी. शुरुआत में सब सामान्य लग रहा था, लेकिन जब उसने पेमेंट ट्रांसफर करने की कोशिश की, तो ट्रांजैक्शन फेल हो गया. इसके बाद स्कैमर ने कहा कि पेमेंट उसकी मां के अकाउंट से होगा, इसलिए शुभ्र को भी अपनी मां के बैंक डिटेल्स देने को कहा.

शुभ्र को शक होना चाहिए था, लेकिन उसने मां की डिटेल्स भी साझा कर दीं. इसके तुरंत बाद स्कैमर ने दोनों खातों से पैसे ट्रांसफर करना शुरू कर दिया. दो दिन बाद, 10 मई को स्कैमर ने शुभ्र को बताया कि गलती से उसके अकाउंट से 5.22 लाख रुपये कट गए हैं और वो यह रकम वापस कर देगा.

लेकिन न तो पैसे वापस आए और न ही स्कैमर दोबारा संपर्क में आया. उसका फोन भी बंद हो गया. जब शुभ्र ने और उसकी मां ने बैंक जाकर अकाउंट स्टेटमेंट देखा, तो पता चला कि कुल 5,21,519 रुपये गायब हो चुके हैं. इसके बाद शुभ्र ने तुरंत साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

किसी अनजान व्यक्ति को कभी भी अपनी बैंक डिटेल्स, UPI पिन या OTP न दें. ऑनलाइन लेन-देन से पहले सामने वाले की पहचान की पूरी तरह से जांच करें. शक होने पर तुरंत डील को रद्द करें और किसी जानकार या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें. बैंकिंग ऐप्स पर आए मैसेज या कॉल से जुड़ी किसी भी जानकारी को साझा करने से बचें.

इस घटना से यह साफ है कि ऑनलाइन सामान बेचना जितना आसान लगता है, उतना ही जोखिम भरा भी हो सकता है. इसलिए थोड़ी सी लापरवाही बड़ी आर्थिक हानि का कारण बन सकती है.
Published at : 17 May 2025 09:06 AM (IST)
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