Stock market : पूरे कारोबारी सत्र के दौरान बाजार नकारात्मक दायरे में रहा और आईटी, बैंकिंग और मेटल शेयरों में मुनाफावसूली के कारण लाल निशान में क्लोजिंग हुई। हालांकि, मिड और स्मॉल-कैप इंडेक्सों सहित अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। यह इस बात का संकेत है कि निवेशक ग्लोबल अनिश्चितताओं के बावजूद इक्विटी मार्केट को लेकर सतर्क के साथ बुलिश बने हुए हैं। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 200.15 अंक या 0.24 फीसदी की गिरावट के साथ 82,330.59 पर और निफ्टी 42.30 अंक या 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 25,019.80 पर बंद हुआ है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि पिछले कारोबारी सत्र की तेजी के बाद बाजार में आज हल्की मुनाफावसूली रही। इसके बावजूद,निवेशकों का सेंटीमेंट पॉजिटिव बना हुआ है। मिड और स्मॉल कैप शेयरों के साथ-साथ रियल एस्टेट,एनबीएफसी,ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे रेट-सेंसिटिव सेक्टरों में लगातार तेजी रही। डिफेंस शेयरों ने भी तेजी कायम रही। अमेरिका-चीन और भारत-अमेरिका ट्रेड तनाव के समाधान की उम्मीदों से उम्मीद बढ़ी है।
इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में नरमी,महंगाई में गिरावट और ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीद से ग्रोथ में तेजी की संभावना। संस्थागत निवेशकों की तरफ से लगातार निवेश हो रहा है। इस समय विदेशी संस्थागत निवेशक तथा घरेलू संस्थागत निवेशक दोनों ही बाजार की स्थिरता और मजबूती में योगदान दे रहे हैं।
कोटक इक्विटी रिसर्च के श्रीकांत चौहान का कहना है कि अमेरिका ब्रिटेन और चीन के बीच ट्रेड डील पर अच्छी खबर आने के बाद ग्लोबल मार्केट में इस सप्ताह राहत की रैली देखने को मिली। इस सप्ताह भारतीय बाजारों में भी जोरदार तेजी रही। घरेलू बाजार ने भू-राजनीतिक जोखिमों कम होने से राहत की सांस ली। निफ्टी और सेंसेक्स में साप्ताहिक आधार पर 4 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने बेंचमार्क सेंसेक्स-निफ्टी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया और कुल मिलाकर बाजार में मजबूती रही।
खाने-पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट के साथ भारत की रिटेल महंगाई अप्रैल 2025 में और कम होकर 3.2 फीसदी पर रही। महंगाई में कमी के देखते हुए वित्त वर्ष 2026 के अंत तक ब्याज दरों में 75-100 बेसिस प्वाइंट कटौती की उम्मीद है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, अच्छे मानसून की उम्मीद, आरबीआई की दर में कटौती और महंगाई में कमई भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ पॉजिटिव मैक्रो फैक्टर हैं। एफआईआई में बढ़त से संकेत मिलता है कि विदेशी निवेशक भारत के प्रति पॉजिटिव भावना रखते हैं। ग्रोथ के मोर्चे पर तमाम चुनौतियों के बावजूद, विदेशी निवेशकों को भारत तुलनात्मक रूप से एक बेहतर निवेश डेस्टिनेशन नजर आ रहा है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के एसवीपी, रिसर्च अजीत मिश्रा का कहना है कि गुरुवार की तेजी के बाद बाजार में सुस्ती रही और किसी नए ट्रिगर के अभाव में मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में मिड और स्मॉलकैप में ज्यादा तेजी रही। एफआईआई निवेश में बढ़त और ग्लोबल बाजार की मजबूती मार्केट सेंटीमेंट को बूस्ट दे रहे हैं। बाजार का ओवरऑल ट्रेंड मजबूत है। ऐसे में स्टॉक स्पेसिफिक नजरिया अपनाने की सलाह है। किसी बड़े ट्रिगर के अभाव में बाजार की नजर कंपनियों के नतीजों और ग्लोबल हलचलों पर रहेगी।
Market outlook : लाल निशान में बंद हुआ बाजार, जानिए 19 मई को कैसी रह सकती है इसकी चाल
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि निफ्टी आज कंसोलीडेशन मोड में रहा, गुरुवार की रैली के बाद इंडेक्स अब थोड़ी राहत की सांस लेता दिखा। कुल मिलाकर मार्केट सेंटीमेंट मजबूत है। सेक्टोरल थीम अच्छा काम कर रही हैं। इंडीकेटर और ओवरले लगातार शॉर्ट टर्म में और मजबूती आने की ओर इशारा कर रहे हैं। किसी भी गिरावट पर खरीदारी आने की उम्मीद है। निफ्टी के लिए 25,000 पर पहला और उसके बाद 24,800 पर बड़ा सपोर्ट है। ऊपर की तरफ 25,120 की बाधा पार करने पर निफ्टी 25,250/25,350 की ओर बढ़ता नजर आ सकता है।
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