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Guru Gochar 2025: गुरु का संबंध जहा ज्ञान या नॉलेज से ही वहीं बुध ग्रह का संबंध कंप्यूटर, कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों से है. बीते 14 मई 2025 को गुरु ने राशि परिवर्तन किया है, शुक्र की राशि वृषभ से निकल कर गुरु बुध का राशि मिथुन में गोचर कर रहे हैं. ऐसे में बुध से संबंधित क्षेत्रों में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है, ग्रहों की चाल इन क्षेत्रों में बड़े बदलाव, नवीन प्रयोग, नये क्षेत्रों में विस्तार का संकेत दे रही है.

गुरु ग्रह का मिथुन राशि में गोचर केवल सोशल मीडिया या इन्फ्लुएंसर्स तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की दुनिया को भी प्रभावित करेगा. चूंकि AI बुद्धि, तर्क, डेटा प्रोसेसिंग और कम्युनिकेशन आधारित तकनीक है, इसलिए इसका सीधा संबंध बुध और मिथुन राशि से है. ऐसे में इन सभी क्षेत्रों में एक बौद्धिक विस्फोट (Intellectual Explosion) का संकेत मिल रहा है. ज्योतिषीय आधार पर इसे समझते हैं-

Guru Gochar 2025: बुध की राशि में आया भूचाल...क्या AI बनेगा अब मायाजाल?

मिथुन राशि का AI से गहरा नाता
मिथुन राशि का स्वामी बुध है, जो तर्क, कोडिंग, एनालिटिक्स, संवाद, नेटवर्किंग और मशीन सीखने (Machine Learning) का कारक है. इसलिए गुरु का मिथुन राशि में गोचर बुद्धिमत्ता के विस्तार को दर्शा रहा है.

वहीं विचारशील तकनीकें (Responsible AI) को बल मिल सकता है, लेकिन साथ ही भ्रम, डाटा विसंगति और अनैतिक प्रयोगों के खतरे को भी दर्शा रहा है. क्योंकि ब्रह्मतत्त्व निर्णय के अनुसार ‘गुरुर्बुधे स्थितः यदा, विज्ञानं व्याप्तिं प्रयच्छति.’ यानि जब गुरु मिथुन में हो तो ज्ञान आधारित तकनीकी विस्तार संभव है.

AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को कैसे करेगा प्रभावित
गुरु के गोचर से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में AI आधारित शिक्षण, अनुसंधान, और मेंटल हेल्थ ऐप्स में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है. बुध का संबंध वाणिज्य से भी है, ऐसे में ट्रेडिंग, फाइनेंस, इंश्योरेंस संबंधी चीजों में सुधार और बदलाव देखनो को मिल सकते हैं. वहीं NLP (Natural Language Processing), GPT-सीरीज और भाषाई मॉडल्स का प्रसार बढ़ने के भी संकेत मिल रहे हैं. 

ChatGPT, Google Gemini, Bhashini जैसे टूल्स का प्रयोग करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है. बुध का संबंध बोली और वाणी से भी, राहु के प्रभाव से इसमे विकास की गति ज्यामितीय विधि से बढ़ सकती है.

भ्रम और चुनौतियां भी कम नहीं होंगी
मिथुन राशि में गुरु का संचार जहां कुछ सकारात्मक संकेत दे रहा है वहीं चुनौतियों की तरफ भी इशारा कर रहा है. जातक तंत्र के इस श्लोक से इसे आसानी से समझ सकते हैं.

इस ग्रंथ में लिखा है ‘मिथुनगते गुरु पाखंड वर्धकः. यानि मिथुन में गुरु यदि शनि, राहु आदि के प्रभाव में आए, तो मिथ्या ज्ञान, डाटा हैकिंग और अवास्तविक प्रोजेक्शन को जन्म देता है. इसलिए सतर्क रहने की भी आवश्यकता है. कंपनियों को इस समस्या से निपटने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे जिस कारण उनके खर्चे बढ़ सकते हैं और लाभ भी प्रभावित हो सकते हैं.

AI में इसको इस तरह से भी देखा जा सकता है. Deepfakes, False Narratives और Manipulated AI Content का विस्फोट देखने को मिल सकता है. AI Generated भ्रामक News और फेक डॉक्यूमेंट्स की भरमार भी देखने को मिल सकती है.

इससे आम इंसान भ्रमित हो सकता है. वहीं सत्ता के शीर्ष पर बैठे रणनीतिकार और प्रशासन को दिक्कतों को सामना करना पड़ सकता है. बुध वाणी का भी कारण है और इस गोचर के बाद AI आधारित स्कैम्स (जैसे वॉइस क्लोनिंग) में तेजी आ सकती है. 18 मई 2025 को राहु को गोचर हो रहा है, इससे फेक कंटेंट जनरेशन टूल्स का दुरुपयोग भी बढ़ेगा.

गुरु गोचर से कौन-से क्षेत्र में दिखेगी तरक्की
गुरु ज्ञान, उच्च शिक्षा के भी कारक है. ऐसे में ये गोचर AI Education को बढ़ावा दे सकता है. गुरु ग्रह के कारण Khanmigo, AI Teachers जैसे AI टूल्स जिनका प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र और अनुसंधान में हो रहा है, अधिक प्रभावशाली बनेंगे.

देव गुरु बृहस्पति को शास्त्रों में देवताओं के गुरु के रुप में बताया गया है. ज्योतिष में गुरु का संबंध संस्कृत, वेद, पुराण और ज्योतिष शास्त्र से है ऐसे में डिजिटल AI प्रोजेक्ट जैसे ज्योतिष, वैदिक चैटबॉट्स आदि को गुरु गोचर काल में विस्तार और मान्यता मिल सकती है.

AI डेवलपर्स और यूजर्स क्या करें
ये समय महत्वपूर्ण है. इसलिए Explainable AI और सत्यापित डेटाबेस का प्रयोग ठीक रहेगा. भारत के संदर्भ में AI नैतिक नीति (AI Ethics) के दायरे में काम करेगी. भारतीय भाषाओं और सांस्कृतिक मूल्यों को प्राथमिकता मिलने से अच्छे परिणाम आने वाले समय में देखने को मिल सकते हैं.

वहीं बिना जांच परख के डाटा पर मॉडल ट्रेन करने से बचना होगा. धार्मिक, राजनीतिक या स्वास्थ्य से जुड़े प्रयोगों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है. इस बात को सदैव ध्यान में रखना होगा कि AI पूर्ण सत्य नहीं है, उसे एक ‘साधन’ के रूप में प्रयोग करें, ‘सत्य’ के रूप में नहीं.

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