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Prediction 2025: मिथुन राशि का स्वामी है बुध ग्रह, जो संवाद, वाणी, लेखन, विचार, तकनीक और नेटवर्किंग का प्रतीक है. यह वही क्षेत्र हैं जिन पर सोशल मीडिया और डिजिटल कंटेंट की नींव टिकी है. जब गुरु जैसा ‘ज्ञान और विस्तार’ देने वाला ग्रह मिथुन राशि में आता है, तो इसका असर सीधे तौर पर उन लोगों पर होता है जो मीडिया, सिंगिग और वाणी आदि से जुड़े हैं.

गुरु मिथुन राशि में, दोधारी तलवार (Jupiter in Mithun Rashi)
गुरु का मिथुन में प्रवेश अपने साथ एक विरोधाभास लेकर आता है. एक ओर यह विचारशीलता और विवेक का विस्तार करता है, वहीं दूसरी ओर भ्रम, अधकचरे ज्ञान और अति-प्रचार को भी जन्म देता है.

इसलिए मिथुन राशि में बृहस्पति ग्रह का राशि परिवर्तन अति महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आने वाले दिनों में इसके व्यापक प्रभाव आपको अपने आसपास और समाज पर दिखाई देगा.

ज्योतिष ग्रंथ बृहत जातक में एक जगह लिखा है कि ‘गुरुर्बुधराशौ स्थितो यदा, तदा वाक्प्रभावः प्रबलः स्यात्.’ यानि जब गुरु बुध की राशि मिथुन में आता है, तब व्यक्ति की वाणी और विचारों में प्रभाव और आदर बढ़ जाता है.

गुरु का यह गोचर यह संकेत करता है कि वे लोग जो सत्य, रिसर्च और अपने अनुभव पर आधारित कंटेंट बनाते हैं, उन्हें समाज में मान्यता और सम्मान मिलेगा. यूट्यूब, ब्लॉग, पॉडकास्ट, धार्मिक चैनल और शिक्षण मंचों पर ऐसे लोगों का प्रभुत्व बढ़ेगा. 

लेकिन अन्य एक ग्रंथ ‘जातक पारिजात’ एक चेतावनी भी मिलती है, जिसे समझना भी आवश्यक है. ‘मिथुनस्थो बृहस्पतिः तर्कविनाशकः.’ यानी मिथुन राशि का गुरु यदि कमजोर अवस्था में हो, तो वह तर्क और सत्य का ह्रास करता है. यानि आने वाले दिनों में गुरु के गोचर के कारण सोशल मीडिया पर अफवाहें, आधा सच-झूठ, और फेक न्यूज को बढ़ावा मिल सकता है.

डिजिटल कंटेंट की दुनिया में मचेगी उथल-पुथल!
मत्स्य पुराण के अनुसार गुरु और बुध ग्रह में नहीं बनती है. दोनों ग्रहों के स्वभाव में भी भारी अंतर है. गुरु गहराई में जाने वाला है जबकि बुध तात्कालिकता का कारक है. सोशल मीडिया का मिजाज भी तेजी से प्रतिक्रिया देने वाला है, जो अक्सर तथ्य की पुष्टि से पहले प्रतिक्रिया करता है. ऐसे में मिथुन में गुरु का आगमन एक ऐसा दौर लाता है जहां सत्य और भ्रम के बीच की रेखा धुंधली हो जाती है.

इस गोचर काल में कई बार ऐसा होगा जब बिना किसी ठोस आधार के कोई व्यक्ति या विचार वायरल हो जाएगा, जबकि गहराई से सोचने वाले लोग अदृश्य रहेंगे, अगर वे सतर्क न हों.

किस लाभ और किसको देंगे हानि
इस काल में वे लोग जो धार्मिक, आध्यात्मिक, वैदिक विज्ञान, ज्योतिष, या मनोवैज्ञानिक गहराई से जुड़े विषयों पर कंटेंट बनाते हैं, उन्हें स्पष्ट लाभ होगा. सोशल मीडिया पर ज्ञान का पुनरुत्थान हो सकता है. बशर्ते वह ज्ञान वास्तविक हो, न कि दिखावटी.

वहीं दूसरी ओर, जो लोग केवल ट्रेंडिंग विषयों (Trending), अर्धज्ञान, या दूसरों की नकल पर आधारित कंटेंट बनाते हैं, उन्हें पहले कुछ समय दिखावटी सफलता मिल सकती है, लेकिन अंततः वे भ्रम और नकारात्मकता के जाल में फंस सकते हैं.

प्रसिद्ध ज्योतिष ग्रंथ कालामृतम् ग्रंथ के अनुसार ‘गुरुर्मिथुनस्थो यदा, वाचालता तु बन्धनम्.’ यानी मिथुन में गुरु वाणी को शक्ति तो देता है, लेकिन यदि उसका प्रयोग हल्के या झूठे शब्दों में हो तो वह वाणी दोष का कारण बन जाती है. जिस कारण व्यक्ति निंदा पा सकता है, ट्रोल भी हो सकता है.

सोशल मीडिया यूजर्स और युवा क्या करें
यह गोचर काल सावधानी बरतने के लिए कह रहा है. इस बात को अच्छे से समझना होगा कि ‘जो कहा जा रहा है, वह सत्य है भी या नहीं?’ मिथुन राशि में गुरु का गोचर सोचने और तुलनात्मक विश्लेषण करने तछा स्पष्ट रूप से बोलने की प्रेरणा देता है. लेकिन यह भी चेतावनी देता है कि हर विचार शेयर करने लायक नहीं होता. इस बात को किसी भी कीमत पर नहीं भूलना है.

कह सकते हैं कि गुरु का गोचर आने वाले महीनों में सोशल मीडिया पर ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सामाजिक जिम्मेदारी’ का मुद्दा उभर सकता है. इसकी प्रबव संभावना है कि आने वाले दिनों में नए नियम, सेंसरशिप, या रिपोर्टिंग सिस्टम ज्यादा कठोर हों, खासकर भारत जैसे देशों में जहां चुनाव, धर्म और समाज जैसे संवेदनशील मुद्दे डिजिटल स्पेस में चर्चा का विषय बने हुए हैं.

कुछ बदलने वाला है?
हां. गुरु ग्रह का मिथुन राशि में गोचर न केवल एक ज्योतिषीय घटना है, बल्कि यह एक सामाजिक परिवर्तन का इशार भी है, विशेषकर उन देशों में जहां लोग मोबाइल स्क्रीन और सोशल मीडिया पर अधिक एक्टिव हैं. कम उम्र के मोबाइल और सोशल मीडिया पर सक्रिय बच्चे और किशोरों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, माता-पिता को इस पर अधिक ध्यान देना होगा. ‘गोचर रहस्य सार संग्रह ‘ के इस श्लोक को याद रखें-

‘गुरुर्बुधे मिथुनस्थो यदा,
तदा वाक्ये भ्रमवर्धनः.
ज्ञानिनां वाणी विस्फोटकं भवेत्,
मूढ़ानां तु पतनं स्यात्.’

यानि जब गुरु मिथुन राशि में आते हैं, तब ज्ञानी की वाणी शक्तिशाली होती है, लेकिन जो भ्रम फैलाते हैं, वे स्वयं अपने ही शब्दों में उलझ जाते हैं.

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