
बीएसएफ के जवान रामबाबू का पार्थिव शरीर बुधवार (14 मई, 2025) को सीवान लाया गया. तिरंगे में लिपटे हुए शव को देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं. लोगों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे.

मां की दहाड़ से माहौल गमगीन हो गया. चार महीने की गर्भवती पत्नी रोने लगी. रामबाबू की शादी 14 दिसम्बर को हुई थी. पत्नी अंजलि ने बताया कि 12 मई को 10 बजे आखिरी बार फोन पर बातचीत हुई.

बातचीत में पति ने कहा कि ठीक हूं. दोपहर में पति के घायल होने की खबर आई. पत्नी ने बताया कि पति 10 अप्रैल को ड्यूटी ज्वाइन करने जम्मू कश्मीर चले गए थे.

स्वर्गीय रामविचार सिंह के जवान बेटे रामबाबू घायल गए थे. सोमवार को करीब 1:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. अंतिम दर्शन के बुधवार को शव यात्रा पैतृक गांव वसिलपुर पहुंची.

शव यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा. हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने रामबाबू अमर रहे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए. मुखाग्नि भाई अखिलेश सिंह ने दी. लोगों ने नम आंखों से जवान को अंतिम विदाई दी.

अंजलि ने बताया कि 12 मई को आर्मी हेडक्वार्टर से फोन आया. उधर से पति के बारे में जानकारी ली जा रही थी. तब लगा कि साइबर फ्रॉड पति के बारे में जानकारी मांग रहा है. इसलिए पत्नी ने कॉल काट दी.

बीएसएफ जवान का शव पहुंचने पर गांव में मातम पसर गया. हाथों में तिरंगा लेकर रामबाबू के शव का स्वागत किया गया. कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने भी बीएसएफ जवान के शव को श्रद्धांजलि अर्पित की.
Published at : 14 May 2025 11:25 PM (IST)
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