Stocks to Watch: चौथी तिमाही के नतीजों की रफ्तार तेज के बीच बुधवार (14 मई 2025) को कुछ कंपनियां निवेशकों की रडार पर रहेंगी। जिन स्टॉक्स में तेज हलचल देखने को मिल सकती है, उनमें टेलीकॉम, ऑटो, फार्मा, डिफेंस और हेल्थकेयर सेक्टर की दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। कुछ कंपनियों ने उम्मीद से बेहतर नतीजे दिए हैं तो कुछ ने निवेशकों को निराश किया है।
टाटा ग्रुप की टाटा मोटर्स का नेट प्रॉफिट ₹8,470 करोड़ रहा, जो CNBC-TV18 के ₹7,841 करोड़ के अनुमान से बेहतर है। कंपनी का तिमाही रेवेन्यू ₹1.19 लाख करोड़ रहा। हालांकि, यह अनुमानित ₹1.23 लाख करोड़ से थोड़ा कम था। EBITDA ₹16,992 करोड़ रहा, जो सालाना आधार पर लगभग स्थिर है लेकिन स्ट्रीट के ₹16,539 करोड़ के अनुमान से अधिक है।
भारत की टेलीकॉम प्रमुख कंपनी ने ₹11,022 करोड़ का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो CNBC-TV18 के ₹6,526 करोड़ के अनुमान से काफी अधिक है। हालांकि यह दिसंबर तिमाही के ₹14,781.2 करोड़ के मुकाबले 25.4% नीचे रहा। रेवेन्यू 2.1% बढ़कर ₹47,876 करोड़ रही, और EBITDA ₹27,404 करोड़ रहा, जो अनुमान से बेहतर है लेकिन पिछली तिमाही से 5.7% कम है।
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डिफेंस सेक्टर की इस सरकारी कंपनी ने मार्च तिमाही में ₹244.2 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो सालाना आधार पर 118.9% की वृद्धि है। रेवेन्यू भी 61.7% बढ़कर ₹1,642 करोड़ रहा, और EBITDA में 141.8% की बढ़त के साथ यह ₹219 करोड़ तक पहुंच गया।
कंपनी का नेट प्रॉफिट ₹582.5 करोड़ रहा, जो सालाना आधार पर 27.4% की गिरावट है। डिजिटल इंडस्ट्री बिजनेस में लागत बढ़ने से ऑपरेशनल प्रॉफिट पर असर पड़ा। पिछली तिमाही में कंपनी को ₹192 करोड़ का एक्स्ट्राऑर्डिनरी गेन मिला था, जबकि इस तिमाही में ₹63 करोड़ का डिमर्जर खर्च शामिल रहा।
Airtel की इस इकाई ने मार्च तिमाही में ₹468.4 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो सालाना आधार पर 110.4% की बढ़त है। रेवेन्यू 22.5% बढ़कर ₹2,289 करोड़ और EBITDA 33% बढ़कर ₹1,167.8 करोड़ रहा। कंपनी को ₹88.2 करोड़ का टैक्स क्रेडिट भी मिला।
डायग्नोस्टिक चेन का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 19.4% घटकर ₹29 करोड़ रहा। रेवेन्यू 4.3% बढ़कर ₹345.3 करोड़ पहुंचा, लेकिन EBITDA 22% घटकर ₹62.3 करोड़ रह गया। EBITDA मार्जिन भी 24.2% से घटकर 18% हो गया।
ऑटो कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर ने चौथी तिमाही में ₹57.6 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो 20.5% सालाना वृद्धि है। रेवेन्यू भी 8.6% बढ़कर ₹849.7 करोड़ पहुंच गया, जबकि EBITDA 25.9% बढ़कर ₹103.9 करोड़ रहा।
फार्मा कंपनी ने मार्च तिमाही में ₹966 करोड़ की रेवेन्यू और ₹260 करोड़ का प्रॉफिट दर्ज किया। पूरे वित्त वर्ष में रेवेन्यू ₹3,723 करोड़ रहा, जो 9% की वृद्धि है। वार्षिक लाभ 32% बढ़कर ₹915 करोड़ रहा, और EBITDA मार्जिन 500 बेसिस पॉइंट बढ़कर 31.4% हो गया। कंपनी ₹42 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड देगी।
हनीवेल का रेवेन्यू 17.2% सालाना बढ़कर ₹1,114.5 करोड़ रहा, लेकिन नेट प्रॉफिट 5.4% गिरकर ₹140 करोड़ और EBITDA 6.25% गिरकर ₹159.4 करोड़ रहा। मार्जिन 17.9% से घटकर 14.3% हो गया।
कंपनी का प्रॉफिट सालाना आधार पर 27% बढ़कर ₹113.6 करोड़ हो गया। रेवेन्यू भी 10% बढ़कर ₹2,478.7 करोड़ रहा, जो प्रोजेक्ट्स की मजबूत एक्जीक्यूशन का नतीजा है। ऑपरेटिंग प्रॉफिट ₹259.6 करोड़ रहा, और मार्जिन 10.5% तक सुधरा।
लगेज निर्माता कंपनी ने मार्च तिमाही में ₹27.4 करोड़ का घाटा दर्ज किया, जो पिछले साल के ₹23.9 करोड़ के घाटे से अधिक है। रेवेन्यू 4.3% घटकर ₹494 करोड़ रहा, और EBITDA 18.2% गिरकर ₹6.3 करोड़ पहुंचा। मार्जिन 1.3% रहा, जो पिछले साल 1.5% था।
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