Chinese Defence Stocks में भारी बिकवाली, Operation Sindoor ने दिया बड़ा झटका

Chinese Defence Stocks: आतंक के खात्मे के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान ही नहीं, चीन को भी बड़ा झटका लगा है. दरअसल, चीनी डिफेंस कंपनी जुझोउ होंगडा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्प लिमिटेड (Zhuzhou Hongda Electronics) के शेयर में मंगलवार को 6 फीसदी से अधिक की गिरावट हुई. जुझोउ होंगडा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्प लिमिटेड, वही कंपनी है, जिसकी मिसाइल ‘PL-15’ को पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने मार गिराया था.

चीनी मिसाइल पीएल-15 हुआ नाकाम

भारतीय सेना द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने चीनी मिसाइल पीएल-15 के जरिए देश के मिलिट्री इंस्टॉलेशन को टारगेट किया, लेकिन इस मिसाइल को भारत की मजबूत डिफेंस सिस्टम ने चुटकियों में नाकाम कर दिया. जानकारी के मुताबिक, 9 और 10 मई की रात को भारत के एयरफोर्स बेस और मिलिट्री सुविधाओं को निशाना बनाते हुए पाकिस्तान ने चीनी पीएल-15 मिसाइल और तुर्की में बने बाइकर वाईआईएचए-III कामिकेज ड्रोन के जरिए हवाई हमले किए थे. भारत के एयर डिफेंस ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को बचाने के लिए किए गए इन हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया.

पीएल-15 एक एयर-टू-एयर मिसाइल है

पीएल-15 एक एयर-टू-एयर मिसाइल है, जिसका इस्तेमाल जेएफ-17 और जे-10 फाइटर जेट द्वारा किया जाता है. भारत द्वारा चुटकियों में तबाह करने के बाद चीनी मिसाइल टेक्नोलॉजी को लेकर सवाल उठने लगे हैं, जिसके कारण निवेशकों का चीनी डिफेंस पर भरोसा कम हो रहा है और जुझोउ होंगडा के शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिली. भारत के एयर ऑपरेशंस के डायरेक्टर जनरल, एयर मार्शल एके भारती ने नाकाम किए गए हथियारों की तस्वीरें प्रदर्शित कीं और दिखाया कि किस प्रकार भारतीय डिफेंस नेटवर्क ने हाई टेक्नोलॉजी वाली मिसाइलों और ड्रोनों को नष्ट किया.

भारत के ‘आकाश’ सिस्टम ने किया सबको नाकाम

उन्होंने इस खतरे को बेअसर करने का क्रेडिट स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम ‘आकाश’ को दिया. तुर्की में बने बाइकर वाईआईएचए-III कामिकेज ड्रोन को भी सेना ने अमृतसर में डिटेक्ट कर गिराया. इस ड्रोन में बड़े पेलोड और कम-एल्टीट्यूड में उड़ान भरने के साथ तेज हमले करने की क्षमता है. इस ड्रोन का उद्देश्य सैन्य या नागरिक लक्ष्यों को भारी नुकसान पहुंचाना था, लेकिन यह भारत की सुरक्षा को भेदने में विफल रहा.

 

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