India Pakistan Ceasefire: भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो चुका है. पहलगाम की आतंकी घटना के बाद दोनों देशों के सेनाएं आमने सामने आ गई थीं, जिसको लेकर पूरी दुनिया परेशान हो गई थी. युद्ध की प्रबल स्थितियों के बीच सीजफायर की घोषणा होने से अब दोनों देशों की सेनाओं ने हमला न करने का ऐलान किया है.
सीजफायर (Ceasefire) यानि युद्धविराम को लेकर धार्मिक ग्रंथों में विशेष चर्चा मिलती है. भारत पाकिस्तान (India Pakistan) के बीच सीजफायर की घटना कोई पहली नहीं हैं, इससे पहले भी युद्धविराम की घोषणाएं हो चुकी हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है इतिहास का पहला सीजफायर कब हुआ था?
विद्वानों की मानें तो महाभारत (Mahabharat) में सीजफायर का पहला जिक्र मिलता है. महाभारत का युद्ध 18 दिनों तक चला था. माना जाता है कि महाभारत युद्ध में लगभग सवा करोड़ से भी अधिक योद्धाओं की मौत हुई थी. जिसमें लगभग 70 लाख कौरव पक्ष के और 44 लाख पांडवों की तरफ से योद्धाओं की मौत हुई थी. शांति पर्व में एक जगह लिखा है-
‘युद्धं न क्षम्यते यत्र शत्रुणा सह संगतः.
शममेव प्रयत्नेन सम्साध्यं युद्धवर्जितम्॥’
यानि जहां शत्रु से लगातार युद्ध हो रहा हो, वहां भी यदि शांति का कोई मार्ग उपलब्ध हो, तो उसमें प्रयास करना चाहिए. युद्ध से परे समाधान श्रेष्ठ है. इससे यह स्पष्ट करता है कि युद्ध के बीच भी ‘सीजफायर’ जैसी स्थिति वैदिक संस्कारों का अंग आरंभ से ही रही है.
मनुस्मृति में भी राजनीतिक संघर्षों में शांति की नीतियों का वर्णन मिलता है, मनुस्मृति में एक जगह बताया गया है कि ‘युद्धं चानुपदिष्टं च राज्ञा धर्म्यं समाचरेत्. आपदि च यथाकालं युक्तं नित्यं समाचरेत्’ यानि राजा को धर्मयुक्त युद्ध करना चाहिए, लेकिन आपत्ति के समय कालानुसार नीति बदलकर शांति की स्थापना करना धर्म है.
यह श्लोक भी युद्धविराम यानि ‘सीजफायर’ (Ceasefire) को एक राजधर्म के रूप में दर्शाता है, तब जब आम जनता का हित संकट में हो. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सीजफायर की स्थिति कब बनता है? इसे भी ग्रहों की स्थिति से समझा जा सकता है. बृहज्जातक में इससे जुड़ा एक सूत्र मिलता है-
‘शनौ चन्द्रे च समेभ्यां युद्धे शान्तिर्न संशयः.
सौम्यग्रहैः पथि राज्ञो युद्धे विश्रामदायकः॥’
इसका अर्थ होता कि यदि शनि और चंद्रमा समस्थिति में हों तथा शुक्र-बुध जैसे सौम्य ग्रहों का प्रभाव हो, तो युद्ध विराम संभव है. यह ग्रहों की शांति की स्थिति होती है. 10 मई 2025 को शाम 5 बजे दोनों देशों की बीच सीजफायर का ऐलान हुआ तब उस समय की कुंडली में भी लगभग ऐसी ही स्थिति देखी गई.
भारत-पाकिस्तान (India Pak Tension) जब युद्धविराम हुआ तब तुला लग्न की कुंडली बनी थी. चंद्रमा उस समय तुला लग्न में ही विराजमान था. तुला राशि शनि की उच्च राशि है. शनि उस समय मीन राशि में राहु और शुक्र के साथ छठे भाव में गोचर कर रहा था.
सप्तम भाव में जहां से संधि देखी जाती है वहां पर मेष राशि राशि में सूर्य और बुध की युति बनी हुई थी. लेकिन यहां शनि-चंद्र की युति शांति की दिशा में विवशता को दिखाती है, यह शांति दिल से नहीं, बल्कि आवश्यकता से उपजी है.
ज्योतिष ग्रंथों के अलावा रामायण में भी ‘शांति संधि’ का संकेत मिलता है. रामायण के युद्धकांड में एक श्लोक इस बात की पुष्टि करता है-
‘न युद्धेन हि राज्यं वा न प्रीत्या शत्रुबन्धनम्.
शमेनैव जनो रम्यः, संग्रामो वै विकारकः॥’
यनि, राज्य, सम्मान या संबंध सिर्फ युद्ध से नहीं, बल्कि शांति से ही संभव है. धार्मिक और ज्योतिषीय आधार पर कब सीजफायर जैसी स्थिति का निर्माण होता है? इसका उत्तर है कि जब शनि और चंद्रमा समस्थिति में हो तो युद्ध की थकावट और विराम की संभावना बनती है.
वहीं शुक्र और बुध की दृष्टि बातचीत और समझौते की स्थिति पैदा करती है. 10 मई को भी कुछ ऐसी ही स्थिति बनी थी, तुला लग्न जो की शुक्र की राशि है उस पर सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं बुध की स्पष्ट दृष्टि पड़ रही थी.
मंगल नीच भी बनाता है सीजफायर की स्थिति
वर्तमान समय में मंगल नीच का है. कर्क राशि में मंगल गोचर कर रहा है. 7 जून 2025 तक मंगल नीच का रहेगा. मंगल को ज्योतिष में युद्ध का कारक माना गया है, इसलिए कह सकते हैं कि ये सभी स्थितियां युद्धविराम की तरफ इशारा करती हैं लेकिन, यहां पर कुछ स्थितियों को ध्यान में रखना अतिआवश्यक है. 14 मई 2025 से गुरु का गोचर हो रहा है और गुरु अतिचारी हो रहे हैं, 15 मई 2025 को सूर्य राशि परिवर्तन (Sun Transit) हो रहा है.
18 मई 2025 को बुध मंगल की राशि मेष में अस्त हो रहा है, इसी दिन दो पाप ग्रह राहु और केतु का भी गोचर (Rahu-Ketu Gochar) हो रहा है, ऐसे में युद्ध विराम लंबे समय तक चलने की संभावना बहुत ही कम है. 25-26 मई ये डेट भी कुछ अच्छी प्रतीत नहीं हो रही है. ग्रहों की तेजी से बदलती चाल ठीक इशारा नहीं कर रही है, इसलिए भारत को बेहद चौकन्ना रहने की आवश्यकता है.
उधर पाकिस्तान कुंडली (Pakistan Kundli) में मारकेश की दशा चल रही है, ऐसे में वहां आने वाले दिनों में कुछ ऐसी घटनाएं अचानक देखने को मिल सकती है जो एक बार फिर युद्ध जैसी स्थितियों का निर्माण कर सकती है. 7 जून 2925 को मंगल का गोचर फिर से युद्ध जैसे हालात का निर्माण कर सकता है.
इस बीच पाकिस्तान (Pakistan) में सत्ता में बैठे शीर्ष और सेना के बीच आतंरिक टकराव जैसी स्थिति बन सकती है. वहीं पाकिस्तान अपने झूठ को छिपाने के लिए कुछ ऐसी गलतियां करेगा जिससे विश्व पटल पर अपयश की प्राप्ति होगी.
गुरु अतिचारी (Guru Atichar) होने के कारण पाकिस्तान की सेना और सत्ता में बैठे कुछ शीर्ष नेता अन्य देशों के बहकावे में आकर अपनी ही जनता को मुश्किल में डाल सकते हैं. पाकिस्तान की आंतरिक कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है. जनता में विद्रोह जैसी स्थिति भी बन सकती है. उसके समुद्री क्षेत्रों में हलचल बढ़ने के भी संकेत मिल रहे हैं.
सीजफायर को लेकर क्या कहते हैं धर्म ग्रंथ
धार्मिक ग्रंथ महाभारत, रामायण, और मनुस्मृति में स्पष्ट लिखा है कि जब जनहित या कूटनीति की आवश्यकता हो, तो युद्ध विराम आवश्यक होता है. इसे ‘दैव संकल्प’ के रुप में लेना चाहिए. लेकिन किसी भी विपरीत परिस्थिति के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए. ज्योतिष की मानें तो भारत को पाक पर पैनी नजर रखने की आवश्यकता है. थल और नभ के साथ इस बार जल पर भी विशेष नजर रखने की जरुरत है.
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