Operation Sindoor Pak claimed India attacked with six ballistic missiles affected its major airbases

Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच 4 दिन चले सैन्य तनाव के बाद सीजफायर की घोषणा कर दी गई है. हालांकि, इससे पहले भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तान की ओर से हुए हमले की कोशिश और भारत की कड़ी सैन्य प्रतिक्रिया ने पूरे दक्षिण एशिया को सतर्क कर दिया है. इस बीच शुक्रवार देर रात पाकिस्तान की आर्मी ने बड़ा दावा किया कि भारत ने छह बैलिस्टिक मिसाइलें दागी, जिन्होंने पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाया.

इन मिसाइलों के निशाने पर रावलपिंडी, मुरीद चक्रवाल, शरकोट (शोरकोट) और नूर खान एयरबेस थे, जहां कथित रूप से गंभीर क्षति हुई है. हालांकि भारत की ओर से अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का रिएक्शन, पाकिस्तान में घबराहट
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे. इसके बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश हुई, जिनमें भारत के 26 शहरों को निशाना बनाया गया. भारतीय S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को पूरी तरह से नाकाम किया. फिर भारत ने अपनी सैन्य शक्ति का इस्तेमाल करते हुए जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के चार वायुसेना अड्डों पर हमला किया.

फतेह-1 मिसाइल का जवाब
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपने फतेह-1 बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम के प्रयोग का दावा किया था, जो कि अब पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी भूल साबित हुई. भारत ने इस मिसाइल को नाकाम किया. पाकिस्तान आर्मी का कहना है कि भारत ने जालंधर के आदमपुर एयरबेस से मिसाइलें छोड़ीं और इस हमले के बाद सभी प्रमुख एयरबेस को तत्काल बंद कर दिया गया. इसके चलते दोपहर 12 बजे तक सभी उड़ानों पर रोक लगा दी गई थी. भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से अभी तक इस पर कोई बयान नहीं आया है, लेकिन सेना की कार्रवाई और सतर्कता यह स्पष्ट कर रही है कि भारत अब आतंक के खिलाफ निर्णायक रुख अपना चुका है.

आम नागरिकों की आड़ ले रहा पाकिस्तान-सोफिया कुरैशी 
भारतीय सेना की अधिकारी सोफिया कुरैशी ने खुलासा किया कि पाकिस्तान जानबूझकर आम नागरिकों की उड़ानों का इस्तेमाल कर रहा था ताकि सैन्य ठिकानों को छिपाया जा सके. यह अंतरराष्ट्रीय नियमों का गंभीर उल्लंघन है और दुनिया के सामने पाकिस्तान की कायराना रणनीति को उजागर करता है. भारत ने इस विषय में कई सबूत भी प्रस्तुत किए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान आतंकवाद का सहारा लेकर युद्ध के मैदान में उतरना चाहता था.

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