
भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता
भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच एक प्रोटोकॉल तय है, जिसके हिसाब से हर मंगलवार को हॉटलाइन पर भारत और पाकिस्तान के DGMO ऑफिस के अधिकारियों के बीच बात होती है। दोनों देशों के बीच इस वार्ता में लाइन ऑफ कंट्रोल और इंटेलिजेंस ब्यूरो को लेकर मौजूदा स्थिति पर बातचीत होती है। ऐसे में अगर किसी पक्ष ने कोई तय नियम का उल्लंघन किया होता है तो हॉटलाइन के जरिए ही दोनों देशों के बीच शिकायत दर्ज कराई जाती है। फिलवक्त पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ चुकी है और बात आपसी संघर्ष से आगे निकल गई, दोनों देशों ने फिर सीजफायर का ऐलान कर दिया है।
सोमवार को होगी अहम वार्ता
अब भारत और पाकिस्तान दोनों देश के साथ तनाव के बीच दोनों देशों के DGMO ऑफिस के बीच सोमवार को अहम वार्ता होगी जिसमें दोनों ही अपनी बात रखेंगे। इससे पहले सीजफायर को लेकर दो बार वार्ता हो चुकी है और इसमें भारत ने पाकिस्तान से छोटे हथियारों की फायरिंग का मुद्दा उठाया था। भारत ने पाकिस्तान को लगातार सीमा पार फायरिंग रोकने को भी कहा था। पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला ने भारत के DGMO को शनिवार को तीन बजकर 35 मिनट पर कॉल किया था फिर शाम 5 बजे से दोनों देशों ने सीजफायर का ऐलान कर दिया था।
भारत ने हमले की दी थी पहले जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने सात मई को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले के बाद ही सुबह में ही पाकिस्तान के DGMO को जानकारी दे दी थी। लेकिन पाकिस्तान ने दो घंटे भी इसका पालन नहीं किया और भारत के सीमा क्षेत्र में ड्रोन अटैक के साथ सीमा पर हैवी कैलिबर गन से फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद भारत ने भी पाकिस्तान को उसका माकूल जवाब दिया। अब सोमवार को दुनिया की नजर दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन यानी DGMO के बीच होने वाली वार्ता पर होगी। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मीसरी ने बताया था कि दोनों देशों के DGMO के बीच 12 मई, सोमवार को दोपहर 12 बजे वार्ता होगी।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है
भारत ने पहले ही स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि आतंकवाद और बातचीत दोनों एक साथ नहीं चल सकते। बता दें कि दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते सीमित थे लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब वे और सीमित कर दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने ये भी कह दिया है कि पाकिस्तान से सिर्फ DGMO स्तर की ही सीधी बातचीत होगी। कोई राजनीतिक बातचीत फिलहाल नहीं हो सकती है। वार्ता को लेकर कहा गया है कि आतंक, सिंधु जल समझौता अहम होगा।
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