PwC ने 1500 कर्माचारियों की छंटनी कर दी है जिसके बाद कंपनी का वर्कफोर्स 2% कम हो गया है। ये छंटनियां सबसे ज्यादा ऑडिट (audit) और टैक्स (tax) विभागों से की गई हैं। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने कहा है कि छंटनी का निर्णय लेना काफी मुश्किल था, और उसने इसे बहुत ही सावधानी के साथ लिया है, काफी सोच-समझकर लिया है, और गहरे रूप से जागरूक होकर लिया है कि लोगों पर इसका प्रभाव क्या पड़ेगा। कंपनी ने कहा कि यह मानते हुए कि लगातार वर्षों से कर्मचारियों की संख्या में ऐतिहासिक रूप से कमी आई है, इस कदम को उठाना आवश्यक हो गया था।
PwC की यह एक साल के भीतर दूसरी छंटनी है। इससे पहले कंपनी ने सितंबर 2024 में भी छंटनी की थी जब कंपनी ने अमेरिका में 1800 कर्मचारियों को बाहर कर दिया था। कंपनी ने यह छंटनी री-स्ट्रक्चर एक्सरसाइज के तहत की थी। मौजूदा छंटनियां भी कंपनी ने अमेरिका में ही की हैं। मुनाफे में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के बावजूद PwC ने अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में कम परफॉर्म किया है। Statista के अनुसार, PwC का ग्लोबल रिवेन्यु 2024 में बढ़कर 55.4 बिलियन डॉलर हो गया, जो 2023 में 53.9 बिलियन डॉलर और 2022 में 50.3 बिलियन डॉलर था। हालांकि फाइनेंशियल टाइम्स ने 2023 में जो रिपोर्ट दी थी उसके अनुसार इसी अवधि के दौरान इसकी 11.8% वृद्धि Deloitte (14.9%) और EY (14.2%) से पीछे रही।
इसके अलावा अन्य चार बड़ी फर्मों ने छंटनियां की हैं। इनमें Deloitte भी शामिल है जिसने अप्रैल 2025 में अमेरिका में छंटनी की है। वहीं, KPMG ने भी अमेरिका में अपना 4% वर्कफोर्स हाल ही में कम कर दिया था। PwC को मेन मार्केट्स में रेगुलेटरी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। फर्म पहले ऑस्ट्रेलियाई सरकार के टैक्स डॉक्युमेंट्स के दुरुपयोग से जुड़े विवाद में भी उलझी हुई थी जिसके बाद कंपनी की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
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