भारत और पाकिस्तान में तनाव के बीच सुलह की कोशिशें तेज हो गई है। शनिवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत के रुख नरम करने पर पाकिस्तान के भी नरमी बरतने की बात कही है। वहीं रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने परमाणु कमांड की बैठक स्थगित होने की जानकारी दी है। पाकिस्तान की ओर से ये फैसले ऐसे समय में लिए गए हैं जब चीन और अमेरिका दोनों देशों को लगातार संयम बरतने के लिए कह रहे हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को अब आक्रामकता से रुक जाना चाहिए। अगर भारत रुकता है तो हम भी रुक जाएंगे। हम युद्ध के पक्ष में नहीं है। हम बेवजह का विनाश और बर्बादी नहीं चाहते हैं। डार ने दावा करते हुए कहा कि हमने सिर्फ रक्षात्मक कदम उठाए हैं। ऐसे में भारत के रुकने से चीजें ठीक हो सकती हैं क्योंकि फिर पाकिस्तान की ओर से हमला नहीं होगा। इशाक डार ने ये बातें जियो न्यूज को दिए इंटरव्यू में कही।
Deputy Prime Minister/Foreign Minister, Senator Mohammad Ishaq Dar @MishaqDar50 today spoke with the Foreign Minister of Kingdom of Saudi Arabia, HH Faisal Bin Farhan @FaisalbinFarhan.
The DPM/FM apprised him on the current situation in the region following last night Indian… pic.twitter.com/inRse5KpBY
—विज्ञापन—— Ministry of Foreign Affairs – Pakistan (@ForeignOfficePk) May 10, 2025
परमाणु कमांड की बैठक टली
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए परमाणु कमांड की बैठक को टाल दिया। यह कमेटी पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का प्रबंधन करता है। पाक मीडिया ने दावा किया था कि शहबाज शरीफ ने परमाणु कमांड की बैठक बुलाई है। रक्षा मंत्री के अलावा अहसान इकबाल ने भी भारत से तनाव घटाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत बातचीत की ओर बढ़ते हुए तनाव कम करने का काम करेगा। दुनिया दो परमाणु ताकतों के बीच युद्ध नहीं चाहती है।
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जी7 देशों ने जताई चिंता
बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। यहां तक कि पाकिस्तान ने शनिवार को फतह मिसाइल से भारत पर हमला किया लेकिन सेना ने उसको नेस्तनाबुद कर दिया। उधर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को फोन कर शांति के लिए तरीके खोजने को कहा है। अमेरिका के अलावा जी7 देशों ने भी भारत-पाकिस्तान के संघर्ष पर चिंता जाहिर की। दोनों देशों को बातचीत के रास्ते समस्याओं को सुलझाने की बात कही है।
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