Jwalamukhi Yoga: ज्वालामुखी योग को एक अशुभ योग माना गया है. ज्वालामुखी योग कुछ विशिष्ट तिथि और नक्षत्रों के मेल से बनता है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इस योग में किए गए कार्य आपको अशुभ परिणाम दे सकते हैं. इस योग में मांगलिक और शुभ कार्य करना वर्जित है. आइये जानते हैं किन नक्षत्रों के मेल से बनता है ज्वालामुखी योग.
कब बनता है ज्वालामुखी योग?
- जब प्रतिपदा तिथि पर मूल नक्षत्र हो तब ज्वालामुखी योग बनता है.
- पंचमी तिथि पर भरणी नक्षत्र के पड़ने पर ज्वालामुखी योग बनता है.
- अष्टमी तिथि पर कृतिका नक्षत्र बनने पर ज्वालामुखी योग बनता है.
- नवमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र हो तो ज्वालामुखी योग बनता है.
- दशमी तिथि पर आश्लेषा नक्षत्र हो तो ज्वालामुखी योग बनता है.
ज्वालामुखी योग में किए गए कार्यों का परिणाम
- ज्वालामुखी योग में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किया जाता है. ऐसा माना जाता है इस योग में विवाह करने से शादीशुदा लाइफ में दिक्कतें आती हैं.
- ज्वालामुखी योग में किसी भी नए काम की शुरूआत करना या घर बनाना या बिजनेस शुरू करना आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
- अगर ज्वालामुखी योग में किसी बच्चे का जन्म होता है तो माना गया है बच्चों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
साल 2025 में जून माह में ज्वालामुखी योग का निर्माण हो रहा है. ज्वालामुखी योग की शुरूआत 11 जून, बुधवार को रात 8.10 मिनट से होगी, जो 12 जून, 2025 गुरुवार दोपहर 2:27 मिनट तक रहेगा.
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