Market Today : 8 मई को भारतीय इक्विटी इंडेक्स कमजोरी के साथ बंद हुए हैं। निवेशक भारतीय सेना द्वारा लाहौर में पाकिस्तानी एयर डिफेंस को ध्वस्त करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित नजर आए। यूएस फेडरल रिजर्व के हेड द्वारा बढ़ती महंगाई और श्रम बाजार के जोखिमों के बारे में दिए गए बयान ने भी निवेशकों की भावनाओं पर निगेटिव असर डाला। बाजार पॉजिटिव रुझान के साथ सपाट खुला। लेकिन शुरुआती घंटों में सारी बढ़त खत्म हो गई और कारोबारी सत्र के अधिकांश हिस्से में बाजार सीमित दायरे में कारोबार करता नजर आया। आखिरी घंटे में मुनाफावसूली के कारण निफ्टी और सेंसेक्स 24,200 और 80,000 से नीचे चले गए। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 411.97 अंक या 0.51 प्रतिशत गिरकर 80,334.81 पर और निफ्टी 140.60 अंक या 0.58 प्रतिशत गिरकर 24,273.80 पर बंद हुआ।
हेलिओस कैपिटल के समीर अरोड़ा ने कहा कि जब तक मामला बहुत ज्यादा नहीं बढ़ जाता तब तक पाकिस्तान के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के कारण भारतीय शेयर बाजारों में कोई बड़ी गिरावट आने की संभावना नहीं है।
समीर अरोड़ा ने 8 मई को सीएनबीसी-टीवी18 के साथ हुई बातचीत के दौरान कहा कि भारत तरफ से रिएक्शन, फिर जवाबी रिएक्शन और अंततः तनाव कम होने की उम्मीद करना स्वाभाविक है। हम शायद पहले ही तनाव के अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर पाकिस्तान के जवाबी एक्शन पर कोई और जवाबी एक्शन होता है तभी हमें बाजार पर कोई बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
समीर अरोड़ा ने आगे कहा कि वे भारत के प्रति बहुत बुलिश हैं, हालांकि इसकी भी एक लिमिट है, क्योंकि अप्रैल में सुधार के बावजूद अर्निंग्स को लेकर कोई बड़ी उम्मीद नहीं जगी है। बेंचमार्क इंडेक्स अभी भी अपने ऑलटाइम हाई से 7 फीसदी दूर है।
मेहता इक्विटीज को प्रशांत तापसे का कहना है कि बाजारों में अनिश्चितता बढ़ रही है। दो परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों के बीच चल रहे तनाव के कारण आगे चलकर बड़े संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है। इससे बाजार में भारी बिकवाली हो सकती है। आज चुनिंदा आईटी शेयरों को छोड़कर लगभग सभी सेक्टरों में मुनाफावसूली देखने को मिली। वर्तमान जियोपोलिटिकल तनाव के बीच रुपए में तेज गिरावट के कारण,विदेशी निवेशक हमारे बाजारों में बिकवाली कर सकते हैं।
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जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण भारतीय शेयर बाजार में आज मुनाफावसूली देखने को मिली। एफओएमसी नीति बैठक से भी कोई खास राहत नहीं मिली। यूएस फेड ने इस बात की चिंता व्यक्त की कि अमेरिकी टैरिफ नीति से महंगाई और बेरोजगारी बढ़ सकती है। हालांकि, ग्लोबल मार्केट स्थिर और पॉजिटिव बना हुआ है। ब्रिटेन के साथ अमेरिका की संभावित ट्रेड डील और चीन के साथ ट्रेड वार्ता के प्रारंभिक संकेतों की उम्मीदों जागी है। पिछले आंकड़ों से संकेत मिलता है कि जियोपोलिटिकल तनाव कम होगा घरेलू बाजार में स्थिरता लौटती दिखेगी।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि इंट्राडे में तेज गिरावट के बावजूद निफ्टी 24,250-24,500 की अपनी रेंज के भीतर बना हुआ है। इस रेंज के ऊपर या नीचे किसी भी तरफ निकलने पर बाजार की दिशा साफ होगी।
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