पाकिस्तान के साथ बढ़ते टकराव का इंडिया और पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट्स पर पड़ेगा कितना असर? – stock exchanges what will be impact of growing escalations on stock markets of india and pakistan

इंडिया के पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एक्शन के बाद 7 मई को भारत और पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट्स कमजोर खुले। लेकिन, उसके बाद दोनों मार्केट्स की चाल में अंतर देखने को मिला। इंडिया के मार्केट्स चढ़कर बंद हुए, जबकि पाकिस्तान के मार्केट्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली। 8 मई को भी पाकिस्तान के मार्केट्स पर काफी दबाव देखने को मिला, जबकि इंडियन मार्केट्स सीमित दायरे में चढ़ते-उतरते रहे। दोनों मार्केट्स के ट्रेंड में फर्क की क्या वजहें हैं?

इंडियन मार्केट्स में बड़ी गिरावट नहीं आने की एक वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों की खरीदारी है। 7 मई को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने इंडिया में 2,585 करोड़ रुपये की खरादीरी की। अगर दोनों देशों के बीच झड़प सिर्फ बॉर्डर तक सीमित रहती है तो इंडियन मार्केट्स में गिरावट आने के आसार नहीं हैं। बड़े नुकसान की स्थिति में ही इंडियन मार्केट्स में बड़ी गिरावट आएगी। अगर दोनों देशों में युद्ध पूरी तरह से भड़कता है तो मार्केट्स के सेंटिमेंट पर भी असर पड़ेगा।

दुनिया के कई बड़े देशों के नेताओं ने इंडिया और पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी दोनों को लड़ाई नहीं बढ़ाने को कहा है। उन्होंने कहा है कि उनके दोनों देशों के साथ अच्छे रिशते हैं। जरूरत पड़ने पर वह समझौते में मदद करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, पाकिस्तान में इस मसले को लेकर एक राय नहीं है। कुछ नेता संयम बरतने के पक्ष में हैं, लेकिन कई नेताओं का मानना है कि पाकिस्तान की सेना को इसका जवाब देना चाहिए।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है, “भारत के पाकिस्तान पर किए गए हमलों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।” पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी कहा है कि भारत के साथ खुलकर लड़ाई लड़ने के लिए पाकिस्तान तैयार है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा है कि पाकिस्तान की सेना को लाहौर में लड़ाई के मोर्चों पर पहुंचने के लिए कहा गया है। पाकिस्तान ने पंजाब की सीमा पर स्थिति अपने गांवों को खाली कराने शुरू कर दिए हैं।

फिलहाल स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। हालांकि, इतिहास को देखने पर पता चलता है कि युद्ध के बाद मार्केट में तेज रिकवरी देखने को मिलती है। कारगिल युद्ध के दौरान भी मार्केट कुछ दिनों में रिकवर कर गया था। उड़ी और पुलवामा के हमलों के बाद मार्केट में जल्द रिकवरी देखने को मिली थी। ऐसे में अगर दोनों देशों के बीच टकराव नहीं बढ़ता है तो इंडियन मार्केट में बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है। FIIs इंडियन मार्केट्स में खरीदारी कर रहे हैं। म्यूचुअल फंडों के पास निवेश के लिए काफी पैसा है।

इंडियन मार्केट्स पर अमेरिका से आने वाली खबरों का असर पड़ सकता है। 7 मई को अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने इंटरेस्ट रेट में बदलाव नहीं किया। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा है कि उन्हें इंटरेस्ट रेट घटाने की किसी तरह की जल्दबाजी नहीं है। हालांकि, अगर अमेरिका में इंटरेस्ट रेट ज्यादा बना रहता है तो इंडिया जैसे उभरते बाजारों में विदेशी फंडों के निवेश पर असर पड़ सकता है। इसका मतलब है कि इंडियन मार्केट्स पर पाकिस्तान से टकराव से ज्यादा असर ग्लोबल मार्केट्स का पड़ेगा।

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