ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को जिस तरह से भारतीय सेना और पीएम मोदी (PM Modi) ने अंजाम दिया है, उससे भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है. भारत ने आतंकवाद को लेकर अपनी नीति दुनिया के सामने रख दी है.
7 मई की रात जब पूरा देश चैन से सो रहा था तब मोदी जाग रहे थे और सेना के पूरे ऑपरेशन पर नजर रखे हुए थे. मानो वे ये कहना चाह रहे हैं कि जब तक मोदी है, ‘भारतवासियों की नींद में कोई खलल नहीं डाल सकता है.’
भारत की वीर सेना ने 7 मई 2025 की रात 1 से 1:30 बजे की बीच पाकिस्तान में आतंकियों की पनाहगाह को नेस्तनाबूत कर दिया. विशेष बात ये है कि इससे महज कुछ घंटे पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एबीपी नेटवर्क की India@2047 समिट में शामिल हुए थे.
इस कार्यक्रम के दौरान उनके चेहरे और हावभाव को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वे तनाव में हैं या फिर उनके दिमाग में कुछ चल रहा है जिससे दुनिया को वे हैरान कर देंगे… कार्यक्रम से रवाना होने के कुछ ही घंटे बाद भारतीय सेना को पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों पर करारा हमला करने के लिए आदेश दे देंगे, किसी को इसकी हवा तक नहीं थी.
पीएम मोदी की इस शैली की लोग सराहना कर रहे हैं कि कुशल नेतृत्वकर्ता के संपूर्ण गुण उनमें दिखाई देते हैं. यही कारण है कि वे कब क्या करने जा रहे हैं, दुश्मनों को इसकी भनक तक नहीं लगती है. यही कारण है भारतीय सेना ने जब स्कैल्प मिसाइल दागी तो पाकिस्तान को संभलने तक का मौका नहीं मिला. पीएम मोदी ऐसा कैसे कर लेते हैं? इसका राज उनकी कुंडली में खुलता है.
मोदी ऐसे क्यों है, कुंडली में छिपे हैं राज!
इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी की कुंडली दोपहर 12 बजकर 09 मिनट और 17 सितंबर 1950 की गुजरात की है. पीएम मोदी का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ. पीएम मोदी की जन्म कुंडली वृश्चिक लग्न और वृश्चिक राशि (Scorpio) की है. लग्न में चंद्र मंगल, चतुर्थ भाव में बृहस्पति, पंचम भाव में राहु (Rahu) दशम भाव में शुक्र शनि, तथा एकादश भाव में सूर्य, बुध, केतु है.
पीएम मोदी की कुंडली में मंगल जहां स्वग्रही हैं तो वहीं चंद्रमा नीच है. दोनों मिलकर नीच राजभंग योग बना रहे हैं. इस योग के निर्माण होने से व्यक्ति का जितना विरोध होता है, वह उतना ही प्रभावशाली बनता है.
1.बृहत् पाराशर होरा शास्त्र
अध्याय 36-योगाध्यायः में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यदि कोई नीच ग्रह, उसी राशि का उच्च ग्रह द्वारा दृष्ट हो, या स्वयं उच्च राशि में स्थित हो अथवा केंद्राधिपत्य में हो, तो नीचभंग होता है.
2. फलदीपिका
अध्याय 6, श्लोक 29 में लिखा है कि यदि कोई नीच ग्रह उच्च ग्रह के साथ युति में हो और वह केंद्र में स्थित हो, तो वह राजयोग बनाता है और राजा के समान फल देता है.
प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली में यह योग कैसे बनता है?
पीएम मोदी की कुंडली में चंद्रमा नीच के (वृश्चिक राशि में), मंगल स्वग्रही (वृश्चिक राशि में) और उसी राशि में चंद्रमा के साथ युति में, वृश्चिक राशि लग्न से एक केंद्र स्थान (चतुर्थ) बनाती है, अतः फलदीपिका और बृहत पाराशर के अनुसार यह स्पष्ट रूप से नीचभंग राजयोग बनाता है.
इस योग का फल:जितना अधिक विरोध और मानसिक संघर्ष, उतना अधिक उत्कर्ष और प्रभाव. इसका प्रमाण यह है कि PM मोदी को राजनीति में प्रारंभिक वर्षों में घोर विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन समय के साथ उनका व्यक्तित्व और नेतृत्व दोनों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली हो गए.
इसी प्रकार अटल बिहारी वाजपेयी जी की कुंडली में देखने को मिलता है उनकी भी कुंडली में चंद्रमा नीच का था लेकिन मजबूत लग्न और उच्च ग्रहों की दृष्टि से नीचभंग बना. वहीं नेल्सन मंडेला की कुंडली को देखें तो नीचभंग राजयोग के साथ जेल गए, लेकिन बाद में राष्ट्रपति बने.
पीएम मोदी की कुंडली में शनि (Shani) पराक्रमेश हैं. इस समय इनकी कुंडली में मंगल की महादशा (Mangal Mahadasha)में बुध की अंतर्दशा चल रही है और शनि पराक्रमेश हैं. ऐसे में शनि की कृपा से पीएम मोदी जो भी भारत की तरफ आंख उठाकर देखेगा उसे पूरी ताकत से मुहंतोड़ जवाब देंगे. 7 मई को पीएम मोदी ने पहलगाम में आतंकी हमले के बाद जनता से साफ कह दिया था कि दोषियों को इसकी सजा मिलेगी.
पीएम मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न है, ज्योतिष शास्त्र की मानें तो वृश्चिक लग्न (Scorpio Lagna) वाले व्यक्ति को सबसे रहस्यमयी, गूढ़, आत्म-नियंत्रित और प्रभावशाली लग्नों में गिना जाता है. इसका स्वामी मंगल है,जो ऊर्जा, साहस, आत्मबल और युद्धनीति का प्रतीक है.
वृश्चिक लग्न वालों की मुख्य विशेषताएं
ऐसे लोग अत्यधिक भावनात्मक गहराई लिए होते हैं लेकिन बाहर से शांत नजर आते हैं. यही कारण है कि किसी को भी जल्दी पूरी तरह ‘समझ में नहीं आते’, क्योंकि ये लोग अपने अंदर की बात कम ही प्रकट करते हैं.
रहस्यवादी (mysterious), तेज बुद्धि के मालिक
इनके बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल होते है, ये अपने लक्ष्य को वरियता देते हैं. इनके बारे में लोगों को उतना ही पता होता है जितना ये बताते हैं. यानी साफ है ‘दिल में आते हैं, समझ में नहीं’.
यह संवाद सलमान खान की फिल्म ‘किक’ का है, लेकिन वृश्चिक लग्न वालों पर पूरी तरह से सटीक बैठता है. यही वृश्चिक लग्न की असली पहचान है…’गहराई में उतरकर ही पहचान सकोगे, सतह से नहीं’
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