Ads in AI Chatbots: गूगल जो अब तक सर्च इंजन की दुनिया में सबसे बड़ा नाम रहा है उसे अब जनरेटिव AI के चलते कड़ी टक्कर मिल रही है. इसी चुनौती से निपटने के लिए गूगल अब अपने AI चैटबॉट्स में विज्ञापन दिखाने की योजना बना रहा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल इस कदम के ज़रिए डिजिटल विज्ञापन के क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए रखना चाहता है.
गूगल की नई प्लानिंग
गूगल का AdSense for Search प्रोग्राम, जो अब तक वेबसाइटों के सर्च रिज़ल्ट्स में विज्ञापन दिखाने के लिए इस्तेमाल होता था, अब इसे AI चैटबॉट्स की बातचीत में भी शामिल किया जा रहा है. इसके लिए कंपनी ने पिछले साल और इस साल कुछ AI सर्च ऐप्स जैसे iAsk और Liner के साथ ट्रायल किए हैं. इन परीक्षणों का मकसद यह समझना है कि नए जमाने की AI आधारित बातचीतों में विज्ञापन कैसे काम करते हैं.
गूगल के सर्च बिजनेस को कौन दे रहा है चुनौती?
जब से ChatGPT ने 2022 के अंत में दस्तक दी, गूगल के पारंपरिक सर्च बिजनेस पर खतरा मंडराने लगा. लोगों ने सवालों के जवाब के लिए AI चैटबॉट्स का रुख करना शुरू कर दिया. इसके जवाब में गूगल ने भी अपना खुद का AI चैटबॉट लॉन्च किया और सर्च में AI ओवरव्यू जैसी सुविधाएं जोड़ दीं जिससे यूज़र्स को बिना किसी वेबसाइट पर जाए सीधे उत्तर मिलने लगे.
लेकिन मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं. अब Perplexity AI जैसे नए प्लेटफॉर्म्स उभर रहे हैं जो OpenAI और चीन की DeepSeek जैसी कई AI टेक्नोलॉजीज़ का इस्तेमाल कर यूज़र्स को तेज़ और सटीक जवाब दे रहे हैं.
इसी बीच गूगल को अमेरिका में एक बड़ी कानूनी चुनौती का सामना भी करना पड़ रहा है. एक संघीय न्यायाधीश ने गूगल को ओपन वेब डिजिटल विज्ञापन बाजार में एकाधिकार कायम रखने का दोषी पाया है. इस केस की सुनवाई अभी जारी है और इसका असर गूगल के भविष्य के सर्च बिजनेस पर गहरा हो सकता है.
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