Why Pharma share fall: फार्मा शेयरों पर आज अच्छा खासा दबाव है। दरअसल, फार्मा सेक्टर पर ट्रंप की टेढ़ी नजर बनी हुई है। विदेशी फार्मा कंपनियों पर ट्रंप की सख्ती से फार्मा में बिकवाली देखने को मिल रही है। फार्मा इंडेक्स करीब 1 फीसदी टूटा। सिप्ला करीब 2 फीसदी गिरकर निफ्टी के टॉप लूजर्स में शामिल हुआ है। ऊधर अरबिंदो फार्मा और ल्यूपिन में भी 2-3 फीसदी की कमजोरी देखने को मिल रही है।
दरसल, फार्मा सेक्टर को लेकर ट्रंप ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने फार्मा सेक्टर से जुड़े एक्जिक्यूटिव आदेश पर हस्ताक्षर किए है, जिसका मकसद अमेरिका में US में दवाओं के उत्पादन को बढ़ावा देना है। साथ ही अमेरिका दवाओं के इंपोर्ट पर टैरिफ लगाने की तैयारी में है।
ट्रंप के इस आदेश के बाद फार्मा कंपनियों के लिए अमेरिका में प्रोडक्शन फैसिलिटी बनाने में सहूलियत मिलेगी। अमेरिका जल्द ही आयात किए जाने वाले दवाओं पर टैरिफ लगाने की तैयारी में है। ट्रंप के इस फैसले के बाद अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर (US FDA) अमेरिका में फार्मा कंपनियों के लिए प्रोड्क्शन फैसिलिटी की मंजूरी प्रक्रिया को तेज करने के लिए कहा गया है।
ट्रंप के इस आदेश के बाद US में दवा मैन्युफैक्चरिंग ने Roche, Novartis, Eli Lilly और J&J जैसे फार्मा कंपनियों में अपना निवेश बढ़ाया है।
भारतीय फार्मा सेक्टर पर क्या असर?
ट्रंप के इस फैसले से विदेशी API उत्पादकों पर US FDA की सख्ती बढ़ेगी।विदेशी दवा फैसिलिटी के लिए अब अचानक निरीक्षण किए जाएंगे, जबकि पहले ये निरीक्षण पहले से तय होते थे। टैरिफ रेट और टाइमिंग को लेकर इंडस्ट्री में अनिश्चितता बढ़ेगी। अमेरिका 200 बिलियन डॉलर की दवाएं इंपोर्ट करता है।
फार्मा पर नुवामा की राय
ब्रोकरेज फर्म नुवामा का कहना है कि ट्रंप के इस फैसले के बाद जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ लगने की आशंका है। जेनेरिक दवाएं काफी सस्ती होती हैं। चीन से आउटसोर्सिंग घटाने पर US पॉलिसी का फायदा होगा। US पॉलिसी से चीन के अलावा दूसरे देशों को आउटसोर्सिंग बढ़ेगा।
इस सेक्टर पर नुवामा ने Ajanta Pharma, Torrent Pharma और Divi’s lab को अपने पसंदीदा लिस्ट में शामिल किया है।
(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
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