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Char Dham Yatra 2025: देवभूमि यानी देवताओं की भूमि के रूप में जाने जाने वाले उत्तराखंड में कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं. यहां अनेक धार्मिक स्थल हैं. लेकिन सबसे प्रमुख है ‘चार धाम’. चार धाम हिंदू धर्म की सबसे पवित्र यात्राओं में एक है. कहा जाता है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार चार धाम की यात्रा जरूर करनी चाहिए.

चार धाम की पवित्र तीर्थ यात्रा में चार स्थल यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल है, ये सभी हिमालय के ऊपर बसे हैं. चार धाम यानी चार धार्मिक स्थल जोकि 6 माह के लिए खोले जाते हैं और 6 माह के लिए बंद हो जाते हैं. चार धाम के तीर्थ यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है और गंगोत्री की ओर बढ़ती हुई केदारनाथ पर जाकर बद्रीनाथ में समाप्त होती है.

खुले कपाट.. चार धाम के

हर साल भक्तों को चार धाम की पवित्र यात्रा का बेसब्री से इंतजार रहता है. 2025 में भी चार धाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के दिन यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खोले गए. वहीं 2 मई को केदारनाथ धाम और 4 मई को बद्रीनाथ के कपाट भी भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं. आगामी 6 महीने तक भक्त चार धाम की यात्रा कर सकेंगे.

चार धाम यात्रा

चार धाम यात्रा में चारों धार्मिक स्थलों में उत्तरकाशी जिले में यमुना नदी के स्रोत के पास एक संकरी घाटी में यमुनोत्री मंदिर स्थित है जोकि देवी यमुना को समर्पित है. वहीं उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री है जोकि देवी गंगा को समर्पित है. रुद्राक्ष जिले में भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ है. वहीं पवित्र बद्रीनाथ मंदिर विष्णुजी को समर्पित है. चार धाम की यात्रा भले ही कठिन लेकिन दिव्य है जोकि आत्मा को तृप्त करती है, आध्यात्म की ओर ले जाती है, पापों का नाश करती है और मोक्ष दिलाती है.

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