Ekdant Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी यानी गणपति जी का प्रिय व्रत. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति हर माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी के दिन संकष्टी चतुर्थी व्रत करता है गणेश जी उसकी समस्त मनोकामनाएं जल्द पूरी करते हैं. संकष्टी चतुर्थी एक ऐसा व्रत है जो लोगों को कठिनाइयों से मुक्ति दिलाता है.
जीवन की चुनौतियों पर विजय पाने के लिए और भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए ये व्रत बेहद फलदायी है. इस साल मई में एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है, इस दिन कौन से मंगलकारी योग बन रहे हैं, क्या करने से गणपति जी का आशीर्वाद मिलेगा आइए जानते हैं.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब ?
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की एकदंत संकष्टी चतुर्थी 16 मई 2024 को है. इस दिन व्रत रखने और सर्वोच्च देवता की स्तुति करने से भक्तों को ज्ञान, स्वास्थ्य, धन और खुशी प्राप्त करने में मदद मिलती है.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2025 मुहूर्त
यह पर्व हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल 16 मई को सुबह 04 बजकर 02 मिनट से ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरू होगी. वहीं, 17 मई को सुबह 05 बजकर 13 मिनट पर ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त होगी.
पूजा मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04 बजकर 06 मिनट- सुबह 04 बजकर 48 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02 बजकर 34 मिनट – दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07 बजकर 04 मिनट – रात 07 बजकर 25 मिनट तक |
निशिता मुहूर्त | रात 11 बजकर 57 मिनट – प्रात: 12 बजकर 38 मिनट तक |
चंद्रोदय समय |
रात 11.39 |
एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर शुभ संयोग
मई में एकदंत संकष्टी चतुर्थी वाले दिन सिद्ध योग का संयोग बन रहा है.सिद्ध योग में की गई योजनाएं और कार्य लोगों को लाभ और तत्काल परिणाम देते हैं. इस योग में किए धार्मिक गए कार्य का करियर में खास लाभ मिलता है.
वहीं इस दिन शिववास भी पूरे दिन रहेगा यानी देवों के देव महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे. इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी.
कैसे पाएं लाभ
- संतान की दीर्धायु के लिए इस दिन गणपति जी के समक्ष घी का दीपक लगाकर गणेश श्री संतानगणपति स्तोत्रम् का पाठ करें.
- सभी विघ्न-बाधाओं से मुक्ति की प्राप्ति के लिए इस दिन गणपति जी को दूर्वा जरुर अर्पित करें.
- वहीं करियर में तरक्की के लिए संकष्टी चतुर्थी पर बप्पा को आंक का फूल अर्पित करें और उन्हें मोदक का भोग लगाकर जरुरतमंदों को अन्न, जल, धन का दान दें.
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