सरकार ने डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के कार्यकारी निदेशक के तौर पर सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। यह फैसला भारत सरकार ने उनका 3 साल का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही ले लिया। आईएमएफ की वेबसाइट पर 2 मई तक सुब्रमण्यम का नाम कार्यकारी निदेशक के रूप में मौजूद था, लेकिन 3 मई के बाद से यह पद खाली दिखाया गया है। सुब्रमण्यम को अगस्त 2022 में आईएमएफ बोर्ड में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे भारत सरकार के 17वें मुख्य आर्थिक सलाहकार थे। ये फैसला की पीएम मोदी की अगुवाई वाली एसीसी कमेटी में लिया गया है।
कृष्णमूर्ति को क्यों हटाया गया?
सुब्रमण्यम को हटाने के पीछे क्या वजह है? इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई है। इस बीच खबर है कि आईएमएफ मॉनेटरी फंड की 9 मई को अहम बैठक होनी है। भारत ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले ऋण को लेकर आपत्ति जताई है , इस पर दोबारा विचार करने को कहा है। भारत का इसको लेकर तर्क है कि पाकिस्तान में विकास के लिए दिया जाने वाला पैसा आतंकियों को दिया जा सकता है। वहीं आईएमएफ ने भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। हालांकि वह 9 मई को तय तिथि पर पाकिस्तान को दिए जाने वाले पैसे को लेकर रिव्यू करेगा।
संभावना जताई जा रही है कि भारत सरकार आईएमएफ के सामने अपने पक्ष को लेकर नाखुश थी। ऐसे में सरकार ने तत्काल प्रभाव से सुब्रमण्यम को पद से हटा दिया है। इसके अलावा कृष्णमूर्ति को हटाए जाने के दो संभावित कारण सामने आए हैं। इसमें आईएमएफ के डेटासेट कलेक्शन प्रोसेस और रेटिंग सिस्टम पर कृष्णमूर्ति से सवाल उठाए थे। इसके बाद संगठन में उनको लेकर मतभेद बढ़ गए थे।
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर
बता दें कि सरकार ने अभी तक इस पद के लिए किसी का नाम फाइनल नहीं किया है। इस बीच सरकार ने ऐलान किया है कि वह आईएमएफ समेत ग्लोबल मल्टीलेटरल एजेंसियों से पाकिस्तान को दिए जाने वाले फंड और लोन पर पुनर्विचार करने के लिए कहेगा। गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी।
खबर अपडेट की जा रही है।
Current Version
May 04, 2025 07:20
Edited By
Rakesh Choudhary
Read More at hindi.news24online.com