Pahalgam Terror Attack Pakistan army facing severe shortage of artillery ammunition will be able to fight war with India only 4 days

Jammu Kashmir Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान युद्ध के आसार बन रहे हैं. ऐसे में तमाम रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान भारत के साथ लंबे समय तक युद्ध नहीं कर सकता. ये बात पाकिस्तान के पूर्व प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी स्वीकार कर चुके हैं.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की सेना तोपखाने के गोला-बारूद की गंभीर कमी का सामना कर रही है, जिससे उसकी युद्ध क्षमता सीमित होकर केवल 4 दिनों तक ही रह गई है. इस कमी का मुख्य कारण पाकिस्तान का यूक्रेन के साथ हाल ही में किया गया हथियार सौदा है, जिसने इसके युद्ध भंडार को खाली कर दिया है.

‘पाकिस्तान के गोला-बारूद का भंडार केवल 96 घंटे का’
सूत्रों का कहना है कि सेना को आपूर्ति करने वाली पाकिस्तान आयुध फैक्ट्रियों (पीओएफ) को बढ़ती वैश्विक मांग और पुरानी उत्पादन सुविधाओं के बीच आपूर्ति को फिर से भरने के लिए संघर्ष करना पड़ा है. पाकिस्तान के गोला-बारूद का भंडार केवल 96 घंटे के उच्च-तीव्रता वाले संघर्ष को बनाए रख सकता है, जिसके कारण पाकिस्तानी आर्मी कमजोर हो सकती है. 

भारत का मुकाबला करने के लिए तेजी से लामबंदी पर केंद्रित पाकिस्तान का सैन्य सिद्धांत तोपखाने और बख्तरबंद इकाइयों पर टिका है. अप्रैल 2025 में एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया था कि पाकिस्तान के तोपखाने से 155 मिमी के तोप के गोले यूक्रेन भेज दिए गए थे, जिससे भंडार खतरनाक रूप से कम हो गया था.

कमर जावेद बाजवा भी स्वीकार कर चुके हैं
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इन सीमाओं को स्वीकार करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के पास भारत के साथ लंबे समय तक संघर्ष करने के लिए गोला-बारूद और आर्थिक ताकत की कमी है. सूत्रों का कहना है कि खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि पाकिस्तान ने संभावित संघर्ष की आशंका में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास गोला-बारूद के डिपो बनाए हैं. पाकिस्तान ने अपने गोला-बारूद को दूसरे देशों के युद्धों में भेजा, लेकिन वह खुद कमजोर हो गया है क्योंकि उसके शस्त्रागार खाली हो गए हैं. अल्पकालिक लाभ की खोज ने एक दीर्घकालिक घाव छोड़ दिया है, जो अगले संकट में घातक साबित हो सकता है.

राशन में कटौती कर रही पाकिस्तानी सेना
इसके अलावा पाकिस्तान के आर्थिक संकट जिसमें उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ते कर्ज और घटते विदेशी मुद्रा भंडार भी शामिल हैं. इन सबके कारण सेना की परिचालन क्षमताओं पर असर पड़ा है. ईंधन की कमी के कारण सेना को राशन में कटौती करने, सैन्य अभ्यास स्थगित करने और निर्धारित युद्ध खेलों को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

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