ग्लोबल मार्केट में मजबूती के बावजूद मामूली बढ़त के साथ हुई भारतीय बाजारों की वीकली क्लोजिंग, ये रही वजह – despite the strength in the global market weekly closing of the indian markets happened with a slight increase

इस सप्ताह निफ्टी 50 इंडेक्स में 1.4 फीसदी की बढ़त हुई। बाजार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के मजबूत तिमाही नतीजों से सपोर्ट मिला। आरआईएल में इस हफ्ते 9 फीसदी की जोरदार बढ़त देखने को मिली है। वहीं, ब्रॉडर मार्केट में दबाव देखने को मिला है। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में केवल 0.4 फीसदी की मामूली बढ़त देखने को मिली है। जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5 फीसदी की गिरावट आई है। बाजार पर कंपनियों के मिलेजुले नतीजों और बढ़ती भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच निवेशकों की सतर्कता का असर देखने को मिला है।

ग्लोबल इक्विटी मार्केट का प्रदर्शन रहा बेहतर

भारतीय बाजारों की तुलना में ग्लोबल बाजारों में तेज उछाल देखने को मिला है। टेक्नोलॉजी शेयरों में नए जोश के कारण अमेरिकी इंडेक्सों मेंवीकली बेसिस पर बढ़त देखने को मिली। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में नैस्डैक 3.1 फीसदी उछला है। एसएंडपी 500 इंडेक्स में 2.1 फीसदी की और डॉव जोन्स में करीब 2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी तेजी देखने को मिली। जापान की निक्केई में 4 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। जर्मनी के डीएएक्स में 2.7 फीसदी की तेजी रही और चीन के बेंचमार्क इंडेक्सों में करीब 2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली।

मिलेजुले नतीजे और उसका असर

घरेलू इकोनॉमी में चौथी तिमाही के नतीजों का मौसम अब तक मिलाजुला रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मजबूत आंकड़े पेश किए हैं। वहीं कई बड़ी कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे हैं। नतीजों के बाद श्रीराम फाइनेंस के शेयर में 6 से 7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। बजाज फाइनेंस को ग्रोथ और वैल्यूएशन से जुड़ी चिंताओं के कारण नए सिरे से दबाव का सामना करना पड़ा। बंधन बैंक,फेडरल बैंक और टीवीएस मोटर जैसी कंपनियों में भी सतर्कता के साथ कारोबार होता दिखा।

एफपीआई निवेश हुआ पॉजिटिव

अप्रैल में लगभग 1 अरब डॉलर का नेट एफपीआई निवेश देखने को मिला। यह छह महीनों में सेकेंडरी मार्केट में होने वाले निवेश के नजरिए पहला पॉजिटिव महीना था। भारत अप्रैल में एफपीआई निवेश हासिल करने वाला अकेला इमर्जिंग मार्केट था। भारत ने दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और ब्राजील जैसे बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया। इन बाजारों अप्रैल में विदेशी निवेशकों की निकासी देखने को मिली है।

जियो-पोलिटिकल तनाव के बीच डिफेंस शेयरों में उछाल

इस सप्ताह की सबसे खास बात यह रही कि भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ने के साथ ही डिफेंस से जुड़े शेयरों में तेज उछाल आया। मझगांव डॉक और कोचीन शिपयार्ड के शेयरों में 15 फीसदी से 20 फीसदी तक की तेजी आई, जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में 4 से 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। पारस डिफेंस जैसे छोटे खिलाड़ियों ने शानदार बढ़त हासिल की और सप्ताह के दौरान 30 फीसदी से अधिक की तेजी दर्ज की।

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