Union Minister chirag paswan said It is important to conduct caste census but should not be made public

Chirag Paswan News: जातीय जनगणना की पॉलिटिक्ल लड़ाई दिल्ली से लेकर बिहार तक जारी है. वार-पलटवार एक दूसरे पर तंज और क्रेडिट लेने की होड़ ही मच गई है. इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है. शुक्रवार को एक टीवी चैनल पर उन्होंने कहा कि देश में जाति जनगणना कराना बहुत जरूरी है, लेकिन उनकी ये मांग भी है कि इसे सार्वजनिक ना किया जाए. अब उनकी ये डिमांड कितनी तर्कसंगत है, ये एक अलग चर्चा का विषय है. 

जाति जनगणना जरूर कराई जानी चाहिए- चिराग

चिराग पासवान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कितने प्रतिशत लोग किस जाति के हैं. इसका डेटा होना जरूरी है. जाति जनगणना जरूर कराई जानी चाहिए, लेकिन इसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों के सार्वजनिक होने के बाद समाज में विभाजन और नफरत की स्थिति पैदा हो सकती है. इसका डेटा अगर सार्वजनिक कर दिया गया तो इसका राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है.

हालांकि चिराग पासवान इस बात से इत्तेफाक जरूर रखते हैं कि जातिगत जनगणना देश की नीतियों को सही दिशा देने और वंचित वर्गों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए जरूरी है. लेकिन वो ये कतई नहीं चाहते की इसको  प्रकाशित किया जाए. डेटा का उपयोग केवल सरकारी योजनाओं और नीति निर्माण के लिए किया जाना चाहिए.

देश की राजनीति में नई बहस 

बहरहाल चिराग की ये मांग भी देश और बिहार की राजनीति में नई बहस शुरू कर सकती है. राजनीतिक चशमों से देखा जाए तो विपक्ष ये आरोप भी लगा सकता है कि इनकी सरकार की मंशा ही यही है. फिलहाल इसे चिराग पासवान का सुझाव और व्यक्तिगत विचार कहा जा सकता है. 

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