Kundali people who have possibility of two marriages yog in kundali know what should they do

Kundali: भारतीय वैदिक ज्योतिष में लोगों की जन्मकुंडली को उसके जीवन के विभिन्न पहलुओं का दर्पण माना जाता है. इनमें वैवाहिक जीवन भी प्रमुख है. कुछ विशेष योग ऐसे माने जाते हैं जो व्यक्ति के जीवन में दो विवाह या वैवाहिक जीवन में अस्थिरता का संकेत देते हैं. ऐसे में यह जानना अत्यंत जरूरी हो जाता है कि यदि आपकी कुंडली में दो विवाह का योग है, तो आपको किन सावधानियों को बरतने की जरूरत है, और साथ ही क्या उपाय करने चाहिए. 

कुंडली दो विवाह के योग कैसे बनते हैं ?

  • सप्तम भाव (विवाह भाव) में अशुभ ग्रहों की स्थिति,जैसे शनि,राहु,केतु या मंगल. 
  • सप्तम भाव के स्वामी का अस्त होना या नीच का होना. 
  • शुक्र (विवाह का कारक ग्रह) पर पाप ग्रहों की दृष्टि या युति.
  • चंद्रमा और शुक्र दोनों का कमजोर या दूषित होना.
  • जन्मकुंडली में दो या अधिक विवाह भाव (द्वितीय,सप्तम,अष्टम,एकादश) पर पाप ग्रहों की दृष्टि. 

क्या करें यदि कुंडली में बन रहे है दो विवाह के योग?

सावधानीपूर्वक विवाह का निर्णय लें, यदि कुंडली में दो विवाह के योग हों,तो जल्दबाजी या भावनात्मक निर्णय से बचें. साथी की कुंडली से मेल (गुण मिलान) ज़रूरी है, विशेषकर सप्तम भाव का गहरा विश्लेषण करें. 

कुंडली मिलान और दोष निवारण, शादी से पहले दोनों पक्षों की कुंडली मिलाकर मांगलिक दोष, शनि दृष्टि, या ग्रह दोषों का समाधान करें.यह वैवाहिक जीवन में स्थिरता लाने में सहायक होता है. 

ज्योतिषीय उपाय अपनाएं:

  • शांति पाठ: नवग्रह शांति,विशेष रूप से शुक्र और शनि की शांति कराना लाभकारी होता है. 
  • दान-पुण्य: सफेद वस्त्र,चाँदी,चावल आदि का दान शुक्र ग्रह की शांति में सहायक होता है. 
  • मंत्र जाप: “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का नियमित जाप करें. 

ये भी पढ़ें: Shani ki Sade Sati: शनि की साढ़ साती का पहला चरण कैसा होता है, क्या ये सबसे ज्यादा कष्टकारी होता है?

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Read More at www.abplive.com