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Caste Census News: देश में जातीय गणना कराने के केंद्र सरकार के ऐलान के बाद बिहार में राजनीति चरम पर है. पार्टियों के जरिए क्रेडिट लेने की होड़ मची है. जेडीयू और आरजेडी दोनों इसे अपनी जीत बता रहे हैं. सीएम नीतिश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इसका श्रेय लेते हुए पटना में एक पोस्टर लगाया है, जिसमें पीएम मोदी भी साथ हैं. 

जातीय गणना पर क्रेडिट लेने की होड़ 

30 अप्रैल को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पपूरे देश में जातीय गणना कराने का निर्णय लेने के बाद बिहार में गुरुवार से पोस्टर की राजनीति शुरू हो गई है. आरजेडी जहां पोस्टर लगाकर इसे लालू और तेजस्वी की जीत बता रहा हैं, तो वहीं जनता दल यूनाइटेड इस निर्णय का पूरा श्रेय अपने ऊपर ले रही है.

पार्टी के जरिए पोस्टर लगाकर बताया जा रहा है कि नीतीश ने बिहार से शुरू किया अब उसे पूरे देश में अपनाया जा रहा है, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि जेडीयू के पोस्टर में पीएम मोदी ने भी जगह बना ली है. जेडीयू प्रदेश कार्यालय के बाहर  एक बड़ा पोस्टर लगाया गया है, जिसमें एक साइड में जनता के साथ भारत के मानचित्र की तस्वीर बनाई गई है तो दूसरे साइड में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी तस्वीर लगाई गई है.

इस पोस्ट में सबसे ऊपर बोल्ड अक्षर में लिखा गया है “नीतीश ने दिखाया, अब देश ने अपनाया” तो उसके नीचे “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद” भी लिखा गया है. इस पोस्ट में जेडीयू का चुनाव चिन्ह तीर भी बीच में लगाया गया है और वहीं पर लिखा गया है “जातिगत गणना, बिहार से भारत तक” पोस्टर में सबसे नीचे लिखा गया है. “अब होगी गिनती, बनेगी सबकी नीति, जातिगत जनगणना का ऐतिहासिक फैसला”.

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए का हथियार

पोस्टर की राजनीति से यह तो तय तप हो गया है कि एनडीए बिहार विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को बड़ा चुनावी हथियार बनाने वाली है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका पूरा श्रेय दिया जाएगा. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कई बार बोल चुके हैं कि बिहार में विधानसभा का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम पर लड़ा जाएगा.

ऐसे में अब केंद्र सरकार के जरिए नीतीश के किए गए कामों को और आगे बढाकर जनता के बीच जाने के लिए रास्ता तैयार कर लिया है. हलांकि पूरे देश में जातीय गणना होगी, लेकिन इस निर्णय के बाद सबसे पहला चुनाव बिहार में होना है तो निश्चित तौर पर बिहार की राजनीति में यह मुद्दा ज्यादा महत्व रखेगा.

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