शेयर बाजार में हालिया तेजी के बाद निफ्टी अब एक कंसोलिडेशन के दौर में प्रवेश कर चुका है। बीते एक सप्ताह से यह इंडेक्स 23,800 से 24,450 के दायरे में ही घूम रहा है। इसके चलते कारोबारियों को बाजार की दिशा खोजने में संघर्ष करना पड़ रहा है। प्राइस एक्शन से भी कोई स्पष्ट ट्रेंड नहीं दिख रहा है। हालांकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) इस सबके उलट बड़े स्तर पर चुपचाप बुलिश पोजिशन बना रहे हैं, जो आने वाले दिनों में बाजार में बड़े अपसाइड ब्रेकआउट की भूमिका तैयार कर सकता है।
FPI कर रहे हैं आक्रामक तेजी की तैयारी
निफ्टी जब से स्थिर है, FPIs ने पिछले दो हफ्तों में 97,938 फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदे हैं। ये आंकड़े साफ संकेत हैं कि वे बाजार में बुलिश मूवमेंट की उम्मीद कर रहे हैं। FPIs ये दांव तब लगा रहे हैं जब कीमतें एक ही दायरे में अटकी हुई हैं।
सिर्फ डेरिवेटिव्स ही नहीं, कैश मार्केट में भी FPIs की ओर से मजबूत खरीदारी ट्रेंड देखने को मिल रहा है। लगातार 10 कारोबारी दिनों से वे शुद्ध रूप से बायर्स बने हुए हैं और इस दौरान 37,326 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। ये भारतीय शेयर बाजार में उनके मजबूत भरोसे का संकेत है, जबकि दूसरी ओर ग्लोबल मार्केट्स में अनिश्चितता बनी हुई है।
लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो में उछाल
FPI की लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो अप्रैल की शुरुआत में 21% से बढ़कर अब 44.30% तक पहुंच गई है। इसका मतलब है कि वे अब तेजी से अपनी शॉर्ट पोजिशन को खत्म कर रहे हैं और लॉन्ग पोजिशन बना रहे हैं। अगर वैश्विक तनाव और युद्ध जैसे हालात नहीं बिगड़ते, तो यह आंकड़ा अगले बुल रन की नींव बन सकता है।
टेक्निकल सेटअप: क्या यह तूफान से पहले की शांति है?
तकनीकी रूप से निफ्टी प्राइस करेक्शन के बजाय टाइम करेक्शन से गुजर रहा है। 23,800–24,000 का दायरा अब मजबूत सपोर्ट जोन बन गया है। वहीं, 24,500 के स्तर पर मजबूत रेजिस्टेंस देखने को मिल रही है। अगर निफ्टी 24,500 के ऊपर बंद होता है, तो यह शॉर्ट कवरिंग को ट्रिगर कर सकता है और हमें 25,000–25,200 तक की तेज रैली देखने को मिल सकती है।
जब तक इंडेक्स 23,800-24,000 रेंज से ऊपर बना रहता है, तब तक प्राइस स्ट्रक्चर पॉजिटिव बना रहेगा। मामूली इंट्रा-डे गिरावट में खरीदारी की जा रही है, जो यह दिखाता है कि कोई स्पष्ट मोमेंट नहीं होने बावजूद बायर्स अभी भी मजबूती से नियंत्रण में हैं।
वोलैटिलिटी का खतरा बरकरार
हालांकि आंकड़े और टेक्निकल सेटअप तेजी का समर्थन करते हैं, लेकिन इसके साथ कुछ जोखिम भी बरकरार हैं:
– Q4 नतीजों के चलते स्टॉक-आधारित उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकती है।
– भूराजनीतिक तनाव लगातार मंडरा रहे हैं।
– India VIX अब 18.22 तक पहुंच गया है, जो बताता है कि बाजार संभावित झटकों के लिए तैयार हो रहा है।
क्लाइमेक्स अभी बाकी है
FPI शेयर बाजार में इस समय एक बुलिश ब्रेकआउट के लिए दांव लगा रहे हैं और टेक्निकल सेटअप भी इनके इस मूव को सपोर्ट करता है। लेकिन वोलैटिलिटी और ग्लोबल अनिश्चितता के कारण सतर्कता भी जरूरी है। अगर निफ्टी 24,500 को निर्णायक रूप से पार करता है, तो यह एक तेज बुल रन की चिंगारी बन सकता है। लेकिन तब तक, बाजार एक स्प्रिंग की तरह खिंचा हुआ है, जो उछाल के लिए तैयार है, लेकिन हल्की सी भी अनिश्चितता पर लड़खड़ाने को भी मजबूर हो सकती है।
-मनीकंट्रोल के लिए इस आर्टिकल को सैमको सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव्स एनालिस्ट, धुपेश धमेजा ने लिखा है।
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