Anil Singhvi के साथ SEBI चीफ का बड़ा इंटरव्यू! Finfluencers पर चाबुक, F&O को लॉटरी समझने वालों को दी WARNING!

मार्केट रेगुलेटर SEBI के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने Zee Business के मैनेजिंग एडिटर Anil Singhvi के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कई अहम मुद्दों पर बेबाकी से जवाब दिए. उन्होंने कहा कि निवेशकों का हित और भरोसा सेबी के लिए सबसे अहम है और इसे कायम रखना उनकी प्राथमिकता है. सेबी देश के बाजार में पारदर्शिता, विश्वास और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है.

F&O ट्रेडिंग पर जारी रहेगी सख्ती

F&O Trading को लेकर सेबी का नजरिया काफी सख्ती भरा रहा है. अनिल सिंघवी ने कहा कि रीटेल इन्वेस्टर्स की ओर से तेजी से ऑप्शंस एंड फ्यूचर्स में भागीदारी बढ़ रही थी, जो फिलहाल कम हुई है. क्या सेबी का अभी तक का प्रयास काफी है, या आगे रीटेल निवेशकों की भागीदारी को और कम करने पर कोशिश होनी चाहिए? इसपर तुहिन कांत पांडे ने कहा कि रिटेल निवेशकों के लिए F&O ट्रेडिंग बेहद जोखिम भरी है और इसे “लॉटरी” समझना खतरनाक साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि सेबी के नियमों के चलते F&O ट्रेडिंग में 30% की गिरावट आई है. अब इस क्षेत्र में भागीदारी सिर्फ हेजिंग और प्राइस डिस्कवरी के मकसद से होनी चाहिए. रिटेल निवेशकों को चेताते हुए उन्होंने कहा कि कम समय में अधिक रिटर्न के चक्कर में जोखिम लेना नुकसानदेह हो सकता है.

Finfluencers का क्या?

फर्जी वित्तीय सलाहकारों और सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने वाले फिनफ्लुएंसर्स के खिलाफ सेबी की कार्रवाई तेज़ है. सेबी चीफ ने बताया कि 70,000 से ज्यादा फर्जी फिनफ्लुएंसर्स पर बैन लगाया जा चुका है. गूगल और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर चल रहे फर्जी विज्ञापनों पर भी लगाम लगाई जा रही है. टेक्नोलॉजी और सर्विलांस की मदद से अनरजिस्टर्ड एडवाइजर्स की पहचान की जा रही है और कार्रवाई हो रही है.

NSE IPO कब आएगा?

NSE के IPO को लेकर सेबी का रुख साफ रहा. पांडे ने कहा कि NSE IPO को रोकने की कोई योजना नहीं है, लेकिन टेक्नोलॉजी, गवर्नेंस और लीगल पहलुओं को लेकर सवालों के जवाब मिलना जरूरी हैं. सेबी का काम सिर्फ जोखिम को कम करना है, और इस दिशा में प्रयास जारी हैं.

SMEs और Mid-Smallcap को लेकर क्या है नजरिया?

सेबी चीफ ने कहा कि छोटी कंपनियों यानी SMEs के लिए सेबी ने अनुकूल माहौल तैयार किया है. IPOs में पारदर्शिता और निवेशकों की सुरक्षा को लेकर सेबी सतर्क है. साथ ही मिड और स्मॉलकैप शेयरों के लिए स्ट्रेस टेस्टिंग जरूरी बताई गई है ताकि जोखिम को कम किया जा सके.

टेक्नोलॉजी पर है जोर

सेबी के कामकाज को और बेहतर करने के लिए क्या किया जा रहा है, इसपर पांडे ने कहा कि सेबी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पारदर्शिता और प्रक्रिया में सुधार ला रहा है. AI और टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग स्टाफ को दी जा रही है. साथ ही डिपॉजिटरीज, म्युचुअल फंड्स और UPI सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए निवेश किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सेबी का उद्देश्य कंपनियों के लिए कामकाज को आसान बनाना और निवेशकों के लिए भरोसेमंद माहौल बनाना है.

म्युचुअल फंड्स इंडस्ट्री में कहां है फोकस?

पांडे ने कहा कि कॉमन KYC सिस्टम को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में काम चल रहा है. म्युचुअल फंड इंडस्ट्री की मांगों का मूल्यांकन किया जा रहा है और इस क्षेत्र के लिए अलग रेगुलेशन लाने पर विचार जारी है. T+0 सेटलमेंट पूरी तरह ऑप्शनल है और फिलहाल म्युचुअल फंड्स T+2 में काम कर रहे हैं.

FPIs पर है कोई बड़ी योजना?

सेबी विदेशी निवेशकों (FIIs, FPIs) की एल्गो ट्रेडिंग को रेगुलेट करने की दिशा में भी काम कर रहा है. विदेशी निवेशकों के लिए बाजार में सीधे निवेश करने की सुविधा पर भी चर्चा है, लेकिन सीधे निवेश के जोखिम और अवसरों के लेकर सेबी फिलहाल इसपर RBI के साथ चर्चा चल रही है. तुहिन कांत पांडे के मुताबिक, सेबी का मुख्य लक्ष्य है: “लोगों का विश्वास बनाए रखना और सिस्टम में सुधार लाना, ताकि निवेशक सुरक्षित महसूस करें और भारतीय बाजार वैश्विक स्तर पर मजबूत बने.”

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