Vaishakh Jyeshtha Month 2025 Food Lifestyle Things To Avoid in May According Hindu Shastra Rules

May 2025: शास्त्रों में ज्ञान का भंडार है. इसमें आध्यात्मिक नियम और मार्गदर्शन का संग्रह है. शास्त्रों के अध्ययन से ज्ञान और समझ में वृद्धि होती है, भ्रांतियों का नाश होता है और अनुभव विकसित होते हैं. शास्त्रों में ऐसी कई बातों का उल्लेख है, जिससे जीवन में अनगिनत लाभ प्राप्त किया जा सकता है.

हिंदू शास्त्र और आयुर्वेद में भोजन के संबंध में बहुत कुछ लिखा गया है. शास्त्र अनुसार भोजन पकाने, खाने के साथ ही यह भी सलाह दी गई है कि किस माह में कौन सी चीजें खानी चाहिए और कौन सी नहीं. इसका संबंध स्वास्थ्य से जुड़ा होता है.

शास्त्रों में खानपान से जुड़े कई नियम हैं. आमतौर पर सलाह दी जाती है कि, रात में दही नहीं खाना चाहिए, दूध के साथ नमक नहीं खाना चाहिए, एकादशी के दिन चावल नहीं खानी चाहिए, विशेष व्रत-त्योहारों में मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए आदि. शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि हमें किस महीने में क्या नहीं खाना चाहिए और खानपान के साथ ही हमारी जीवनशैली माह के अनुसार कैसे होनी चाहिए.

दरअसल माह के अनुसार खानपान और जीवन शैली का मेल होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर रहती हैं. इसके संबंध में दोहा भी प्रचलित है, जो इस प्रकार है-

किस महीने क्या नहीं खाना चाहिए

चैते गुड़, वैशाखे तेल, जेठ के पंथ, आषाढ़े बेल।
सावन साग, भादो मही, कुंवार करेला, कार्तिक दही।
अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिश्री, फाल्गुन चना।
जो कोई इतने परिहरै, ता घर वैद पैर नहिं धरै।।

किस महीने क्या खाना चाहिए

चैत चना, वैशाखे बेल, जैठ शयन, आषाढ़े खेल, सावर हर्दे, भादो तिल।
कुवार मास गुड़ सेवै नित, कार्तिक मूल, अगहन तेल, पूस करे दूध से मेल।
माघ मास घी-खिचड़ी खाय, फागुन उठ नित प्राय नहाय।।

मई महीने में कैसा हो खानपान और लाइफ स्टाइल

शास्त्रों में खानपान या रहन-सहन के जो नियम बताए गए हैं वह हिंदू माह के मौसम और उसमें होने वाले बदलाव को प्रदर्शित करते हैं, अंग्रेजी महीने के नहीं. लेकिन अगर बात करें मई महीने की तो इस महीने वैशाख और ज्येष्ठ माह का संयोग रहता है. 23 मई तक वैशाख माह रहेगा वहीं 24 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो रही है.

शास्त्र के अनुसार, वैशाख महीने में तेल लगाना वर्जित माना जाता है. साथ ही इस माह अधिक तली-भुनी चीजों के सेवन से भी परहेज करना चाहिए. बेल का फल खा सकते हैं. वहीं ज्येष्ठ माह में दोपहर के समय घर से बिना वजह बाहर निकलने और खेलने की मनाही होती है. क्योंकि इस समय गर्मी का प्रकोप (Heat Wave) बढ़ जाता है. ज्येष्ठ में बेल खा सकते हैं और दोपहर भोजन के बाद सोना चाहिए.

मई के महीने में अत्यधिक गर्मी (Summer) रहती है. इसलिए इस माह हल्का भोजन करने, हल्के और सूती कपड़े पहनने, अधिक जलीय पदार्थ जैसे दही, बेल का रस, गन्ने का रस और ऐसी चीजें खाने की सलाह दी जाती है जिसकी तासीर ठंडी हो.

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