Morning Tips: सनातन धर्म (Sanatan Dharam) में दिनचर्या को महत्वपूर्ण माना गया है. विशेष रूप से सुबह की दिनचर्या का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह दिन की शुरुआत को शुभ और सकारात्मक बनाती है. हिंदू धर्म में यह विश्वास है कि दिन की शुरुआत जितनी शुद्ध और सकारात्मक होगी, दिनभर के कार्य उतने ही अच्छे और सफल होंगे. इस कारण सनातन धर्म में सुबह की दिनचर्या को शास्त्रों और उपनिषदों में विशेष स्थान प्राप्त है.
ब्रह्म मुहूर्त में जागरण: सुबह का आरंभ ब्रह्म मुहूर्त में जागरण से करना चाहिए. ब्रह्म मुहूर्त का समय प्रातः 4:00 से 5:30 बजे के बीच माना जाता है. यह समय वातावरण में शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. शास्त्रों के अनुसार, इस समय में जागने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. यह समय आत्मा और शरीर को शुद्ध करने का भी होता है, जो दिनभर की उन्नति के लिए आवश्यक है.
हाथ-मुंह धोना और शुद्धता का पालन करना: सुबह उठने के बाद सबसे पहली बात यह है कि हाथ और मुंह धोकर शुद्धता का पालन किया जाए. यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता की ओर एक कदम बढ़ाने जैसा होता है. इस समय नहाना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह तन-मन की शुद्धि के लिए आवश्यक है. इसके बाद, शरीर को शुद्ध करके अपने घर के आंगन या शुद्ध स्थान पर पूजा या ध्यान करना चाहिए.
ध्यान और प्रार्थना: सुबह के समय में ध्यान और प्रार्थना का विशेष महत्व है. सनातन धर्म में यह माना जाता है कि इस समय भगवान की पूजा और ध्यान से व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है और दिनभर के कार्यों के लिए मानसिक शांति प्राप्त होती है. उपनिषदों में भी इस बात का उल्लेख है कि जो व्यक्ति सुबह के समय साधना करता है, वह जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त करता है.
सूर्योदय से पूर्व सूर्य को अर्घ्य देना: सूर्य के उदय से पहले उबटन (स्नान) और तर्पण करना सनातन धर्म में एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य माना जाता है. यह कार्य विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो ध्यान और पूजा की प्रक्रिया में गहरी रुचि रखते हैं. सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है.
पवित्र पाठ और मंत्रों का जाप: सुबह के समय में पवित्र ग्रंथों का पाठ और मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है. भगवद गीता, रामायण या शिव महिम्नस्तोत्र जैसे शास्त्रों का पाठ आत्मा को शांति प्रदान करता है. इसके अलावा, विशेष रूप से “ॐ” या “मंगलम” जैसे मंत्रों का जाप करना मानसिक शांति और तनाव को कम करने में सहायक होता है.
आहार और व्रत का पालन: सुबह का आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है. सनातन धर्म के अनुसार, हल्का और सात्विक आहार दिन की शुरुआत में करना चाहिए. प्रातः समय में फल, शहद, दूध या ताजे जूस का सेवन करना आदर्श माना जाता है. साथ ही, व्रत रखने से भी शारीरिक और मानसिक बल में वृद्धि होती है.
व्यायाम और योगाभ्यास: सुबह के समय में व्यायाम और योगाभ्यास करना शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. योगाभ्यास और प्राणायाम से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति मिलती है.यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्थिति को भी बेहतर बनाता है.
परिवार के साथ समय बिताना: सुबह का समय परिवार के साथ बिताना भी बहुत महत्वपूर्ण है. यह परिवार के संबंधों को मजबूत करने और मानसिक शांति प्राप्त करने में सहायक होता है. संक्षेप में कहा जाए तो, सनातन धर्म के अनुसार, सुबह की दिनचर्या को शुद्धता, ध्यान, और साधना से भरपूर बनाना चाहिए.यह दिन की शुरुआत को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और जीवन में सुख, शांति, और सफलता की प्राप्ति के रास्ते खोलता है.
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