
अब ट्रंप सरकार और हार्वर्ड के बीच ठनी
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच अब ठन गई है। सोमवार को हार्वर्ड अमेरिका का पहला विश्वविद्यालय बन गया जिसने अपनी स्वतंत्रता को लेकर ट्रम्प प्रशासन की ही खुलेआम अवहेलना की है। विश्वविद्यालय के वकीलों ने सोमवार को सरकार को पत्र लिखा, जिसमें कहा गया, “विश्वविद्यालय अपनी स्वतंत्रता को नहीं छोड़ेगा या अपने संवैधानिक अधिकारों का त्याग नहीं करेगा। न तो हार्वर्ड और न ही कोई अन्य निजी विश्वविद्यालय खुद को संघीय सरकार द्वारा अधिग्रहित होने की अनुमति दे सकता है।”
अमेरिका की ट्रंप सरकार का कहना है कि वह हार्वर्ड को दिए जाने वाले 2.2 बिलियन डॉलर से अधिक के अनुदान और 60 मिलियन डॉलर के अनुबंधों को रोक रही है। बता दें की यूनिवर्सिटी की फंडिंग पर रोक लगाना सातवीं बार है जब ट्रम्प प्रशासन ने राजनीतिक एजेंडे के अनुपालन को मजबूर करने के प्रयास में देश के सबसे कुलीन कॉलेजों में से एक हार्वर्ड पर ऐसा सख्त कदम उठाया है। सात में से छह स्कूल इसी आइवी लीग में हैं।
ट्रंप के आगे झुकने को तैयार नहीं हार्वर्ड
डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिनों पहले ही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को मिलने वाली फेडरल फंडिग को रोक दिया है और यूनिवर्सिटी में होने वाली तमाम एक्टिविटी पर बाहरी राजनीतिक सुपरविजन लागू करने की बात कही है। इसके पीछे का तर्क देते हुए प्रेसिडेंट ट्रंप ने दावा किया है कि यूनिवर्सिटी के कैंपस यहूदी विरोधी भावना के कैंप बने हुए हैं और अगर उनपर रोक नहीं लगाई गई तो परेशानी हो सकती है। ट्रंप सरकार ने धमकी दी थी कि यूनिवर्सिटी के बजट में कटौती की जाएगी, उसके टैक्स-फ्री स्टेटस को खत्म कर दिया जाएगा और विदेशी छात्रों के एडमिशन पर भी खतरा होगा। लेकिन ट्रंप की इन धमकियों के सामने हार्वर्ड ने भी सख्त रूख अपना लिया है और सरकार के फैसले के सामने झुकने से इनकार कर दिया है।
(इनपुट-एपी)
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