Banking Stocks: बैंकिंग शेयरों पर लौटा बाजार का भरोसा, बैंक निफ्टी ने बनाया नया रिकॉर्ड, RBI की बड़ी भूमिका – banking stocks soar to record highs as rbi s liquidity push boosts market confidence

Banking Stocks: शेयर बाजार में आज 22 अप्रैल को लगातार छठवें दिन तेजी देखी गई। इस तेजी की अगुआई की बैंकिंग शेयरों ने। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक नई गाइडलाइंस से बैंकिंग शेयरों में नए सिरे से खरीदारी देखी जा रही है। बैंकिग निफ्टी इंडेक्स आज कारोबार के दौरान 55,961 के नए ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि RBI की इस नई गाइडलाइंस से भारतीय बैंकों का तगड़ा फायदा हो सकता है।

बैंकिंग शेयरों में तेजी का सीधा श्रेय RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा की नई नीतियों को दिया जा रहा है। संजय मल्होत्रा ने पिछले साल दिसंबर में RBI का कमान संभाला था और तब से वह लगातार बैंकिंग सिस्टम्स में लिक्विडिटी यानी नकदी बढ़ाने और कर्ज को आसान बनाने की दिशा में लगातार कदम उठा रहे हैं।

RBI ने पहले लगातार दो बार अपने रेपो रेट में कटौती की, फिर लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए कदम उठाए और निवेशकों का बैंकों में भरोसा जगाने के लिए कई नए बदलाव किए। इसी के चलते पिछले 6 दिनों से लगातार बैंकिंग शेयरों में तेजी देखी जा रही है। निफ्टी इंडेक्स में बैंकिंग शेयरों का वेटेज करीब 22 फीसदी है। ऐसे में बैंकिंग शेयरों में थोड़ी भी तेजी से पूरे शेयर मार्केट में रौनक आ जाती है।

RBI ने हाल ही में जो कदम उठाए हैं, उसमें से एक कदम यह है कि बैंकों को रिटेल डिपॉजिट का छोटा हिस्सा सरकारी बॉन्ड्स में रखने की छूट दी गई है, जिसे अब तक लिक्विडिटी बफर के रूप में रखा जाता है। इस नई गाइडलाइंस से बैंकों की लिक्विडिटी कवरेज रेशियो (LCR) में 6 फीसदी का सुधार आ सकता है। आसान शब्दों में कहें कि तो इस कदम से बैंकों के पास लोन देने के लिए अब ज्यादा पूंजी बचेगी।

RBI का यह कदम काफी जरूरी था क्योंकि भारत के बैंकिंग सिस्टम्स में क्रेडिट ग्रोथ के धीमी होने के कुछ शुरुआती संकेत मिलने लगे थे। 4 अप्रैल 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक, बैंक क्रेडिट में सालाना आधार पर करीब 33 फीसदी घटकर 18.4 लाख करोड़ रुपये रहा। लेकिन अब RBI की नई लिक्विडिटी कवरेज रेशियो (LCR) गाइडलाइंस से बैंकिंग सिस्टम्स में करीब 3 लाख करोड़ रुपये की नई पूंजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे न सिर्फ बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ तेज होगी, बल्कि क्रेडिट ग्रोथ में भी 2 फीसदी का इजाफा होगा।

इसके चलते ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी और मॉर्गन स्टैनली जैसे ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म्स भी बैंकिंग सेक्टर पर बुलिश नजर आ रहे हैं। मैक्वेयरी ने कहा कि वह बैंकिंग कैटेगरी में HDFC और एक्सिस बैंक के स्टॉक पर बुलिश है। वहीं NBFC कैटेगरी में श्रीराम फाइनेंस और महिंद्रा फाइनेंस इसके पसंदीदा स्टॉक है।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इसके अलावा भी कर्ज से जुड़े नियमों को आसान बनाने और हमारे फाइनेंशियल सिस्टम्स में नकदी बढ़ाने के लिए कई उपाय किए थे। जनवरी से अब तक RBI ने बैंकिंग सिस्टम्स में लगभग 7 लाख करोड़ रुपये डाले हैं। इसके अलावा उन्होंने गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और माइक्राफाइनेंस कंपनियों के लिए रिस्क वेटेज को भी घटाया है, जिससे क्रेडिट को लेकर माहौल थोड़ा बेहतर हुआ है।

इसके ऊपर से RBI ने पहले फरवरी और फिर अप्रैल में लगातार दो बार रेपो रेट में 0.25-0.25 फीसदी की कटौती की। मोतीलाल ओसवाल ने रिसर्च हेड, सिद्धार्थ खेमका ने बताया कि RBI के इन सभी कदमों से बैंकों की फंडिंग जुटाने की लागत घटी है, जिससे सीधा फायदा उनके अर्निंग्स में दिखाई दे सकता है।

सिद्धार्थ खेमका ने बताया कि इन सभी उपायों का असर दिखाई भी देने लगा है। ICICI बैंक के मार्जिन में 16 बेसिस प्वाइंट्स का उछाल आया है, जो कि उनके अनुमान से करीब तीन गुना ज्यादा है। खेमका ने बताया कि इस सबसे बीच RBI की नई लिक्विडिटी कवरेज गाइडलाइंस से मार्जिन में और सुधार होने की उम्मीद है। खेमका ने बताया कि बैंकिंग सेक्टर में उनका पसंदीदा दांव ICICI बैंक हैं, जिसके मार्च तिमाही के नतीजे भी शानदार रहे हैं।

अब आते हैं बैंकिंग शेयरों के प्रदर्शन पर हैं। निफ्टी-50 इंडेक्स में अप्रैल के लो से अब तक 2,000 अंकों की उछाल आ चुकी है। इसमें से 300 अंकों की उछाल अकेले HDFC बैंक के चलते आई है। वहीं ICICI बैंक ने इस तेजी में 195 अंक, एक्सिस बैंक ने 110 अंक और SBI ने 70 अंक का योगदान दिया। देखना होगा कि क्या क्या बैंकिंग सेक्टर आगे भी इस रफ्तार को बनाए रख पाता है या नहीं।

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