Shani rahu yuti Pishach Yog saturn will give justice those who were doing wrong

Pishach Yog: चैत्र अमावस्या पर मार्च के आखिर में शनि देव का गोचर मीन राशि में हुआ है. मीन राशि में पहले से ही राहु भी मौजूद था, जिसके बाद मीन राशि में शनि और राहु की युति से पिशाच योग का निर्माण हुआ. यह योग 18 मई तक रहने वाला है.

ज्योतिषातार्य अनीष व्यास के अनुसार, शनि न्याय प्रिय देवता हैं और राहु आलसी, भ्रमित और नकारात्मक होता है. राहु और शनि दोनों को ही ज्योतिष में क्रूर ग्रह कहा जाता है. शनि और राहु का किसी भी भाव में एक साथ मिलना अनुकूल नहीं माना जाता है. वहीं शनि और राहु के मिलने पर अशुभ पिशाच योग का निर्माण होता है, जोकि बुरे कर्मों को दर्शाता है. इस दौरान व्यक्ति को जीवन में कई तरह की मानसिक और भौतिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

शनि अब करेंगे न्याय

शनि देव को न्यायाधीश कहा जाता है, क्योंकि ये न्याय पसंद देवता है और हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार अच्छा या बुरा फल जरूर देते हैं. अब जब शनि और राहु की युति से मीन में पिशाच योग बना हुआ तो शनि और भी अधिक एक्टिव हो गए हैं. इसलिए इस दौरान खासकर उन लोगों को संभलकर रहने की जरूरत है जो छिपकर गलत कार्य करते हैं या गलत काम को अंजाम देते हैं. क्योंकि अब शनि सबके पत्ते खोलने वाले हैं और बुरे कर्मों का दंड देने वाले हैं.

लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि शनि केवल उन्हीं लोगों को दंडित करते हैं जोकि बुरे कामों में शामिल होते हैं. अगर आपके कर्म अच्छे हैं तो शनि देव कभी आपको दंडित नहीं करेंगे. ज्योतिष शास्त्र में भी यही बताया गया है कि ग्रहों का शुभ-अशुभ प्रभाव व्यक्ति के कर्मों से जुड़ा होता है. इसलिए उचित जीवनशैली अपनाएं, दूसरों को कष्ट न पहुंचाएं, मेहनत से धन अर्जित करें, गरीबों का शोषण न करें और धर्म-कर्म पर आस्था बनाएं रखें.

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